उत्तर प्रदेश
नगर निगम बनेंगे सोलर सिटी
- 24 Mar 2025
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चर्चा में क्यों?
13 मार्च 2025 को गोरखपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत हुई नेशनल कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 17 नगर निगमों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- इस पहल के तहत नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
- सरकार सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, सौर स्ट्रीट लाइट्स और सौर जल-तापन प्रणाली जैसी योजनाओं को लागू करेगी।
- इस योजना से ऊर्जा लागत में कमी आएगी और हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
- यह पहल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वर्ष 2070 तक 'नेट-ज़ीरो' लक्ष्य को प्राप्त करने मे सहायक होगी।
- उत्तर प्रदेश में निम्नलिखित ज़िलों में नगर निगम हैं:
क्रमांक |
नगर निगम |
क्रमांक |
नगर निगम |
1 |
कानपुर |
10 |
मुरादाबाद |
2 |
लखनऊ |
11 |
सहारनपुर |
3 |
गाज़ियाबाद |
12 |
गोरखपुर |
4 |
आगरा |
13 |
फिरोज़ाबाद |
5 |
वाराणसी |
14 |
मथुरा |
6 |
प्रयागराज |
15 |
अयोध्या |
7 |
मेरठ |
16 |
झाँसी |
8 |
बरेली |
17 |
शाहजहाँपुर |
9 |
अलीगढ़ |
- सोलर सिटी
- यह एक ऐसा शहर होता है, जो अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को मुख्य रूप से सौर ऊर्जा से पूरा करता है। इसमें बिजली उत्पादन, परिवहन, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सेवाएँ सौर ऊर्जा पर निर्भर होती हैं। इस अवधारणा का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग करना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP):
- परिचय: राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) का उद्देश्य सभी हितधारकों को शामिल करके और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर वायु प्रदूषण को व्यवस्थित रूप से संबोधित करना है।
- NCAP के तहत शहर विशिष्ट कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये 131 शहरों की पहचान की गई है।
- लक्ष्य: समयबद्ध कमी के लक्ष्य के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये एक राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करने का यह देश में पहला प्रयास है।
- इसका लक्ष्य अगले पाँच वर्षों (तुलना के लिये आधार वर्ष- 2017) में मोटे (PM10) और महीन कणों (PM2.5) की सांद्रता में कम-से-कम 20% की कमी करना है।
- निगरानी: MoEFCC द्वारा "प्राण" पोर्टल भी लॉन्च किया गया है:
- NCAP के कार्यान्वयन की निगरानी करना।
- शहरों की कार्य योजनाओं और कार्यान्वयन की स्थिति की निगरानी करना।
- शहरों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को दूसरों के अनुकरण के लिये साझा करना।