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हरियाणा

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

  • 20 Jan 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत आवेदनों पर तेज़ी से कार्रवाई करने और सरकारी ज़मीन पर बनी दुकानों एवं घरों को 20 वर्ष के लिये स्वामित्व अधिकार देने का निर्देश दिया।

  • यह विभागों, बोर्डों, नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के स्वामित्व वाली भूमि पर लागू होता है।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य नोडल अधिकारी (SNO) को हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, सिंचाई और जल संसाधन विभाग, मुद्रण एवं स्टेशनरी विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, हरियाणा शैरी विकास प्राधिकरण तथा राजस्व व आपदा विभाग द्वारा नामित किया गया है।
  • यह बताया गया है कि स्वामित्व अधिकार के लिये अब तक 99 आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं, जबकि 901 लंबित हैं। प्रत्येक विभाग को 15 दिन के भीतर लंबित आवेदनों पर निर्णय लेना होगा।
    • यदि इस अवधि में निर्णय नहीं हुआ तो जिस विकी ज़मीन है, उस विभाग के ज़िला स्तरीय अधिकारी का निर्णय मान्य होगा।
    • शहरी स्थानीय निकाय विभाग इस संबंध में सभी संबंभाग धित विभागों के साथ नियमित बैठकें करेगा और इसकी रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भेजेगा।

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

  • इसे राज्य में 20 वर्षों से अधिक समय से किराए या पट्टे पर चल रही नगर पालिकाओं की वाणिज्यिक भूमि का स्वामित्व देने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • इस योजना के तहत, जो व्यक्ति किराए या पट्टे के माध्यम से 20 वर्षों से भूमि पर कब्ज़ा कर रहे हैं, उन्हें कलेक्टर दर के 80% तक भुगतान पर स्वामित्व अधिकार दिया जा रहा है।
  • इसी तरह ज़मीन पर कब्ज़े के वर्षों की सीमा के अनुसार अलग-अलग दरों पर कलेक्टर रेट देना होगा, जैसे 25 वर्ष के लिये कलेक्टर रेट का 75%, 30 वर्ष के लिये 70%, 35 वर्ष के लिये 65%, 40 वर्षों के लिये 60%, 45 वर्षों के लिये 55%। 50 वर्षों के लिये 50% भुगतान पर स्वामित्व अधिकार देने का प्रावधान है।
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