मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना | 28 Sep 2024

चर्चा में क्यों?

कोविड-19 महामारी  के मद्देनजर मध्य प्रदेश में हज़ारों बच्चों को अपने माता-पिता को खोने का विनाशकारी दुख का सामना करना पड़ा। 

  • राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के कोविड अनाथ बच्चों के लिये वित्तीय सहायता और मुफ्त शिक्षा का वादा किया था, लेकिन इनमें से कई प्रतिबद्धताएँ पूरी नहीं हो पाईं, जिससे बच्चे संकट में हैं।

प्रमुख बिंदु      

  • मई 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि जिन बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य को खो दिया है, उन्हें 5,000 रुपए प्रतिमाह और मुफ्त शिक्षा  मिलेगी।
  • इस पहल का उद्देश्य प्रभावित परिवारों को कुछ राहत प्रदान करना तथा यह सुनिश्चित करना था कि बच्चे बिना किसी वित्तीय बोझ के अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
    • इन वादों के बावजूद, विभिन्न लाभार्थियों को एक वर्ष से अधिक समय से वित्तीय सहायता नहीं मिली है। 
  • सरकार ने इन बच्चों के लिये दो योजनाएँ शुरू की थीं: स्पॉन्सरशिप योजना और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना। इन योजनाओं के तहत, प्रत्येक बच्चे को 5,000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान था। 
    • हालाँकि, धनराशि का वितरण असंगत रहा है, और कई बच्चों को जनवरी 2023 से कोई धनराशि नहीं मिली है।
  • बच्चों को उनके स्वास्थ्य देखभाल खर्च को पूरा करने के लिये  आयुष्मान भारत कार्ड देने का भी वादा किया गया।
    • हालाँकि, इनमें से कई कार्ड सक्रिय नहीं किये गए हैं, जिससे बच्चों को वादे के अनुसार चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई है।