उत्तर प्रदेश
आदर्श सौर गाँव
- 02 Sep 2024
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चर्चा में क्यों
अयोध्या में 5,000 की आबादी वाले प्रत्येक गाँव को एक आदर्श सौर गाँव के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसका लक्ष्य 50,000 सौर घर स्थापित करना है।
मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का उद्देश्य 50,000 घरों को सौर पैनलों से सुसज्जित करके अयोध्या को सौर शहर में बदलना है।
- आदर्श सौर गाँव योजना के तहत 5,000 निवासियों वाले 42 गाँवों में से एक गाँव का चयन किया जाएगा, ताकि सौर पैनलों की व्यापक स्थापना को बढ़ावा दिया जा सके।
- प्रत्येक परिवार को एक किलोवाट सौर पैनल के लिये 65,000 रुपए की लागत आएगी, जिसमें से 30,000 रुपए केंद्र सरकार और 15,000 रुपए राज्य सरकार द्वारा अनुदानित किये जाएंगे।
- सौर पंप लगाने वाले किसानों को कुसुम योजना के तहत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।
- केंद्र सरकार ने प्रत्येक आदर्श सौर गाँव के लिये 1 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं, जो विकास के लिये गाँव पंचायत को हस्तांतरित किये जाएंगे।
पीएम-कुसुम क्या है?
- परिचय:
- पीएम-कुसुम भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है जिसका प्राथमिक उद्देश्य सौर ऊर्जा समाधानों को अपनाने को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र में बदलाव लाना है।
- यह मांग-आधारित दृष्टिकोण पर काम करता है। विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (UT) से प्राप्त मांगों के आधार पर क्षमताओं का आवंटन किया जाता है।
- विभिन्न घटकों और वित्तीय सहायता के माध्यम से, पीएम-कुसुम का लक्ष्य 31 मार्च, 2026 तक 30.8 गीगावाट की महत्त्वपूर्ण सौर ऊर्जा क्षमता वृद्धि हासिल करना है।
- पीएम-कुसुम के उद्देश्य:
- कृषि क्षेत्र की डीज़ल पर निर्भरता कम करना: इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा चालित पंपों और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित करके सिंचाई के लिये डीज़ल पर निर्भरता को कम करना है।
- इसका उद्देश्य सौर पंपों के उपयोग के माध्यम से सिंचाई लागत को कम करके किसानों की आय में वृद्धि करना तथा उन्हें अधिशेष सौर ऊर्जा को ग्रिड को बेचने में सक्षम बनाना है।
- किसानों के लिये जल और ऊर्जा सुरक्षा: सौर पंपों तक पहुँच प्रदान करके तथा सौर-आधारित सामुदायिक सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा देकर, इस योजना का उद्देश्य किसानों के लिये जल एवं ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।
- पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाना: स्वच्छ एवं नवीकरणीय सौर ऊर्जा को अपनाकर, इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करना है।
- कृषि क्षेत्र की डीज़ल पर निर्भरता कम करना: इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा चालित पंपों और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित करके सिंचाई के लिये डीज़ल पर निर्भरता को कम करना है।
- घटक:
- घटक-A: किसानों की बंजर/परती/चारागाह/दलदली/कृषि योग्य भूमि पर 10,000 मेगावाट के विकेंद्रीकृत भूमि/स्टिल्ट माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना।
- घटक-B: ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में 20 लाख एकल सौर पंपों की स्थापना।
- घटक-C: व्यक्तिगत पंप सौरीकरण और फीडर स्तर सौरीकरण के माध्यम से 15 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सौरीकरण।