छत्तीसगढ़ में खदान नीलामी | 22 May 2024

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले में लिथियम खदान, जिसमें लोकसभा चुनाव के कारण देरी हुई थी, की आगामी महीने में नीलामी की उम्मीद है।

मुख्य बिंदु:

  • मार्च 2024 में, खान मंत्रालय ने नीलामी के लिये एक निविदा जारी की थी, जिसमें कोल इंडिया (CIL) जैसी कई कंपनियों ने अपनी रुचि व्यक्त की थी।
  • अधिकारियों के मुताबिक चुनाव आचार संहिता के कारण निविदा जारी नहीं जा सकीं और मंत्रालय जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेगा।
  • फरवरी 2023 में, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने कटघोरा तहसील में लिथियम की खोज की। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, लिथियम भंडार 256.12 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ था, जिसमें 84.86 हेक्टेयर वन क्षेत्र भी शामिल है।
  • जियोकेमिकल मैपिंग से कटघोरा क्षेत्र में सात मिश्रित नमूनों में लिथियम के असंगत मूल्य सामने आए। ये 82.606 और 155 भाग प्रति मिलियन के बीच थे।

लिथियम 

  • परिचय:
    • लिथियम (Li), जिसे कभी-कभी रिचार्जेबल बैटरी के लिये उच्च मांग के कारण 'सफेद सोना' भी कहा जाता है, एक नरम और चाँदी जैसी श्वेत धातु है।
  • निष्कर्षण:
    • भंडार के प्रकार के आधार पर लिथियम का अलग-अलग तरीकों से निष्कर्षण किया जा सकता है- आम तौर पर या तो बड़े ब्राइन पूलों के सौर वाष्पीकरण के माध्यम से, या अयस्क के हार्ड-रॉक निष्कर्षण से।
  • प्रयोग:
    • लिथियम इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV), लैपटॉप, मोबाइल आदि की बैटरी में प्रयोग किये जाने वाले इलेक्ट्रोकेमिकल सेल का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
    • इसका प्रयोग थर्मोन्यूक्लियर अभिक्रियाओं में भी किया जाता है।
    • इसका प्रयोग एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम के साथ मिश्र धातु बनाने, उनकी कठोरता में सुधार करने एवं उन्हें हल्का बनाने के लिये किया जाता है।
      • मैग्नीशियम-लिथियम मिश्र धातु-  कवच प्लेट के लिये।
      • एल्यूमीनियम-लिथियम मिश्र धातु- विमान, साइकिल फ्रेम और हाई-स्पीड ट्रेनों में।
  • प्रमुख वैश्विक लिथियम भंडार:
    • चिली > ऑस्ट्रेलिया > अर्जेंटीना लिथियम भंडार वाले शीर्ष देश हैं।
    • लिथियम ट्रायंगल: चिली, अर्जेंटीना, बोलीविया।
  • भारत में लिथियम भंडार:
    • प्रारंभिक सर्वेक्षण में दक्षिणी कर्नाटक के मांड्या ज़िले में सर्वेक्षण की गई भूमि के एक छोटे से हिस्से में 14,100 टन का अनुमानित लिथियम भंडार दिखाया गया है।
  • अन्य संभावित साइटें:
    • राजस्थान, बिहार, आंध्र प्रदेश में अभ्रक बेल्ट।
    • ओडिशा और छत्तीसगढ़ में पेगमैटाइट बेल्ट।
    • गुजरात में कच्छ का 

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण:

  • वर्तमान में GSI खान मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय है। इसकी स्थापना वर्ष 1851 में मुख्य रूप से रेलवे के लिये कोयला भंडार खोजने हेतु की गई थी।
  • समय के साथ यह भू-विज्ञान सूचना के भंडार के रूप में विकसित हुआ है और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के भू-वैज्ञानिक संगठन का दर्जा भी प्राप्त किया है।
  • इसका मुख्यालय कोलकाता में है और इसके छह क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद, शिलाॅन्ग तथा कोलकाता में स्थित हैं। प्रत्येक राज्य की एक राज्य इकाई होती है।
  • केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (Central Geological Programming Board- CGPB) भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का एक महत्त्वपूर्ण मंच है जो संपर्क हेतु सुविधा प्रदान करता है और कार्य के दोहराव से बचाता है।