मध्य प्रदेश
सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों का विलय
- 30 Jan 2024
- 3 min read
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में मध्य प्रदेश कैबिनेट ने सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है
- वर्तमान में अस्पताल सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के दायरे में आते हैं जबकि मेडिकल कॉलेज और संबंधित सुविधाएँ चिकित्सा शिक्षा विभाग के दायरे में आती हैं।
मुख्य बिंदु:
- विलय से मेडिकल कॉलेज नियमित चिकित्सा सेवाओं के बजाय महत्त्वपूर्ण और विशिष्ट उपचार एवं चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे साथ ही ज़िला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध करना आसान हो जाएगा।
- कैबिनेट ने निम्नलिखित को भी मंजूरी दी:
- जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन की मांग को लेकर संसद में रखा गया प्रस्ताव। प्रस्तावित संशोधनों में जल प्रदूषण से जुड़े मामूली उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाना शामिल है।
- मध्य प्रदेश आयुर्वेद विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 में संशोधन।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी 55 ज़िलों में प्रधानमंत्री उत्कृष्ट महाविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव।
- इन संस्थानों में 1845 शैक्षणिक एवं 387 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन।
जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974
- यह अधिनियम जल प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण तथा जल की पूर्णता को बनाए रखने या बहाल करने के लिये अधिनियमित किया गया था। केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों का गठन क्रमशः अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत किया गया है।
- कुछ अस्पष्टताओं को स्पष्ट करने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अधिक शक्तियाँ प्रदान करने के लिये अधिनियम में वर्ष 1978 और 1988 में संशोधन किया गया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020
- NEP 2020 का लक्ष्य "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति" बनाना है।
- आजादी के बाद से यह भारत में शिक्षा के ढांचे का तीसरा बड़ा सुधार है।
- NEP 2020 का लक्ष्य "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति (Global Knowledge Superpower)" बनाना है।
- स्वतंत्रता के बाद से यह भारत के शिक्षा ढाँचे में तीसरा बड़ा सुधार है।
- पहले की दो शिक्षा नीतियाँ वर्ष 1968 और 1986 में लाई गई थीं।