मध्य प्रदेश में देवी-देवताओं से जुड़े स्थानों का विकास किया जाएगा | 27 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
जन्माष्टमी के अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार ने दो पूज्य देवताओं भगवान राम और कृष्ण से जुड़े स्थानों को विकसित करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
मध्य प्रदेश का इतिहास गौरवशाली है, क्योंकि भगवान राम ने 11 वर्ष राज्य में व्यतीत किये थे, जबकि भगवान कृष्ण ने उज्जैन के आचार्य संदीपनी आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी।
जन्माष्टमी
- जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी या श्रीकृष्ण जयंती भी कहा जाता है, भगवान कृष्ण, विष्णु के आठवें अवतार के जन्म का जश्न मनाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है।
- यह चंद्र-सौर हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी (आठवें दिन) को मनाया जाता है, आमतौर पर अगस्त या सितंबर में।
- जन्माष्टमी का एक मुख्य आकर्षण "दही हांडी" कार्यक्रम है।
आचार्य सांदीपनि आश्रम
- प्राचीन उज्जैन, अपने राजनीतिक और धार्मिक महत्त्व के अलावा, महाभारत काल की शुरुआत में शिक्षा का एक प्रतिष्ठित केंद्र था।
- भगवान कृष्ण और सुदामा ने गुरु सांदीपनि के आश्रम में नियमित शिक्षा प्राप्त की थी।
- आश्रम के निकट का क्षेत्र अंकपाट के नाम से जाना जाता है, ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपनी लिखी हुई चीज़ों को धोने के लिये इस स्थान का उपयोग किया था।
- ऐसा माना जाता है कि पत्थर पर अंकित 1 से 100 तक की संख्याएँ गुरु सांदीपनि द्वारा उत्कीर्ण की गई थीं।
- पुराणों में वर्णित गोमती कुंड प्राचीन काल में आश्रम में जल आपूर्ति का स्रोत था।
- वल्लभ संप्रदाय के अनुयायी इस स्थान को वल्लभाचार्य की 84 पीठों में से 73वीं पीठ मानते हैं, जहाँ उन्होंने पूरे भारत में अपने प्रवचन दिये थे।