लखीसराय संग्रहालय | 08 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
6 फरवरी 2025 को बिहार के मुख्यमंत्री ने 35.8 करोड़ की लागत से बने लखीसराय संग्रहालय का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- लखीसराय संग्रहालय के बारे में:
- यह बिहार का दूसरा सबसे बड़ा विश्वस्तरीय संग्रहालय है। संग्रहालय का भवन काफी सुसज्जित तरीके से बनाया गया है, जिसमें इंडोर थियेटर व आउटडोर थियेटर का भी निर्माण किया गया है।
- लखीसराय जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खुदाई से प्राप्त पौराणिक मूर्तियाँ, शिलालेख, मृदभांड, बौद्ध स्तूप और कीमती पत्थर जिन्हें अशोकधाम मंदिर समेत अन्य स्थानों पर रखा गया था, अब इस संग्रहालय में संरक्षित किया जाएगा।
- महत्त्व:
- ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण: संग्रहालय जिले के प्राचीन इतिहास और संस्कृति का संरक्षण करेगा, जहाँ पुरातात्विक अवशेषों और मूर्तियों का अध्ययन और संरक्षण किया जाएगा।
- पर्यटन को बढ़ावा: संग्रहालय से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोग यहाँ के इतिहास और संस्कृति को जानंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
- स्थानीय संस्कृति का प्रचार: संग्रहालय लखीसराय से सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्व को प्रस्तुत करने सहायता मिल सकती है।
- घोषणा: ज्ञातव्य है की लखीसराय के आसपास के क्षेत्र में पुरातत्विक अवशेषों के संरक्षण की आवश्यकता को देखते हुए लखीसराय में संग्रहालय बनाए जाने की घोषणा वर्ष 2018 में की गई थी।
लखीसराय जिला
- यह जिला 3 जुलाई 1994 को स्थापित किया गया था। पहले लखीसराय मुंगेर जिले में एक अनुमंडल था।
- जिले के भीतर कुछ महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों में अशोकधाम, बरहिया के भगवती मंदिर, श्रृंगी ऋषि, जलप्पा स्थान, अभयनाथ स्थान, अभिपुर पर्वत, अभिपुर के महारानी स्थान, गोविंद बाबा स्थान (मंडप) रामपुर और दुर्गा स्थान लखिसराई आदि हैं।
- लखीसराय क्रमशः पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और उत्तर में मुंगेर, शेखपुरा, बेगुसराय और पटना से घिरा है।