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उत्तराखंड

जागर लोक संस्कृति उत्सव

  • 04 Sep 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सरकार ने जागर लोक संस्कृति उत्सव में राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति का जश्न मनाया और सच्चिदानंद सेमवाल की पुस्तक उत्तराखंड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण का विमोचन किया तथा उत्तराखंड की लोक संस्कृति के ब्रांड एंबेसडर के रूप में प्रीतम भरतवाण की प्रशंसा की।

मुख्य बिंदु:

  • जागर लोक संस्कृति उत्सव: यह उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं का उत्सव है।
  • जागर: यह शमनवाद का एक हिंदू रूप है जो उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊँ दोनों क्षेत्रों में प्रचलित है। 
    • शमनवाद एक वैश्विक आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसमें एक शमन आत्मिक विश्व के साथ बातचीत करने, उपचार करने, आत्माओं के साथ संवाद करने और आत्माओं का मार्गदर्शन करने के लिये चेतना की परिवर्तित अवस्था में प्रवेश करता है।
    • एक अनुष्ठान के रूप में जागर एक तरीका है जिसमें देवताओं और स्थानीय देवताओं को उनकी सुप्त अवस्था से जगाया जाता है तथा उनसे अनुग्रह या उपाय मांगे जाते हैं।
  • प्रीतम भरतवाण: वे उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति और लोक कलाओं को बढ़ावा देने के लिये जाने जाते हैं।
  • सरकार द्वारा पुनरुद्धार और मान्यता प्रयास:
    • पारंपरिक मेलों को उनके मूल स्वरूप में पुनरुद्धार करने और कलाकारों को बेहतर मंच प्रदान करने के प्रयास चल रहे हैं।
    • जागर गायन शैली को मान्यता दिलाने के लिये पहल की जा रही है।
    • गुरु-शिष्य परंपरा और कला दीर्घाओं के माध्यम से लोक कला एवं संस्कृति से संबंधित लिपियों के संरक्षण तथा प्रकाशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।




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