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उत्तराखंड

‘प्रीतम भरतवाण जागर, ढोल सागर इंटरनेशनल अकादमी’

  • 18 Oct 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

17 अक्तूबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक संस्कृति, जागर, ढोल सागर जैसी विधाओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से देहरादून नालापानी चौक में ‘प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल अकादमी’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस अकादमी को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
  • इस अकादमी में लोक संगीत, पारंपरिक ढोल दमाऊ, हुड़का डोर आदि में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे इन्हें उत्तराखंडी लोक संस्कृति को समझने एवं जानने का अवसर प्राप्त होगा और उत्तराखंड की संस्कृति को संरक्षित किया जा सकेगा।
  • इस अवसर पर ढोल कला विरासत को सँजोने वाले 107 वर्षीय ढोल सागर ज्ञाता शेरदास व 81 वर्षीय कलम दास सहित अन्य कलावंतों को सम्मानित किया गया।
  • गौरतलब है कि इस अकादमी के संचालक पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण हैं। प्रीतम भरतवाण का जन्म देहरादून ज़िले के सिला गाँव में हुआ था। वे उत्तराखंड के एक लोक गायक कलाकार हैं। जागर, लोकगीत, पवांडा और घुयांल गाने के साथ ही ढोल, दमाऊ, हुड़का और डौर उत्तराखंडी वाद्य यंत्र थकुली बजाने में भी महारत हासिल कर चुके हैं।
  • इन्हें भारत सरकार ने जागर गायन के लिये वर्ष 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
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