इंदौर - उज्जैन राजमार्ग | 20 Sep 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत के राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश में एक प्रमुख अवसंरचना परियोजना, इंदौर-उज्जैन राजमार्ग का उद्घाटन किया, जो परिवहन और बुनियादी ढाँचे पर केंद्रित है।
मुख्य बिंदु:
- इंदौर-उज्जैन राजमार्ग फाउंडेशन:
- राष्ट्रपति ने इंदौर और उज्जैन के बीच छह लेन वाले राजमार्ग की आधारशिला रखी, जिसकी अनुमानित लागत 1,692 करोड़ रुपए है।
- फरवरी 2024 में स्वीकृत इस राजमार्ग का उद्देश्य दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय 60 मिनट से घटाकर 35-40 मिनट करना है।
- इस परियोजना को 2.5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2028 के सिंहस्थ कुंभ से पहले यातायात की भीड़भाड़ को कम करना है।
- सिंहस्थ कुंभ
- सिंहस्थ कुंभ मेला एक हिंदू धार्मिक उत्सव है जो प्रत्येक 12 वर्ष में भारत के मध्य प्रदेश के उज्जैन में आयोजित किया जाता है
- इस त्यौहार का नाम राशि चक्र के सिंह नक्षत्र के नाम पर रखा गया है, क्योंकि यह तब मनाया जाता है जब बृहस्पति सिंह राशि में प्रवेश करता है।
महाकुंभ
- कुंभ मेला संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची के अंतर्गत आता है।
- यह पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समागम है, जिसके दौरान प्रतिभागी पवित्र नदी में स्नान या डुबकी लगाते हैं।
- यह नासिक में गोदावरी नदी , उज्जैन में शिप्रा नदी, हरिद्वार में गंगा नदी और प्रयागराज में गंगा, यमुना व पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर होता है । इस संगम को 'संगम' कहा जाता है।
- चूँकि यह भारत के चार अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है, इसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जिससे यह सांस्कृतिक रूप से विविधतापूर्ण त्योहार बन जाता है।
- एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले इस मेले में एक विशाल तम्बूनुमा बस्ती का निर्माण किया जाता है, जिसमें झोपड़ियाँ, मंच, नागरिक सुविधाएँ, प्रशासनिक और सुरक्षा उपाय शामिल होते हैं।
- इसका आयोजन सरकार, स्थानीय प्राधिकारियों और पुलिस द्वारा अत्यंत कुशलतापूर्वक किया जाता है।
- यह मेला विशेष रूप से वनों, पहाड़ों और गुफाओं के सुदूर स्थानों से आये धार्मिक तपस्वियों की असाधारण उपस्थिति के लिये प्रसिद्ध है।