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मध्य प्रदेश

इंदौर-मनमाड रेल परियोजना

  • 05 Sep 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में इंदौर-मनमाड रेलवे परियोजना को मंज़ूरी दी गई है, जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में रेलवे विकास के लिये एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।

मुख्य बिंदु: 

  • परियोजना का अवलोकन: यह परियोजना 309 किलोमीटर लंबी है (जिसमें से 170.056 किलोमीटर मध्य प्रदेश में तथा 139.376 किलोमीटर महाराष्ट्र में) तथा इसकी कुल लागत 18,036.25 करोड़ रुपए है।
    • यह मध्य प्रदेश के इंदौर को महाराष्ट्र के मनमाड से जोड़ेगा, महत्त्वपूर्ण ज़िलों (बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर) को जोड़ेगा तथा क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाएगा।
  • आर्थिक और सामाजिक लाभ: निर्माण के दौरान और निर्माण पूरा होने के बाद बड़वानी तथा खरगोन जैसे अविकसित ज़िलों में प्रत्यक्ष रोज़गार उत्पन्न होने एवं उद्योगों के लिये रसद में वृद्धि होने की उम्मीद है।
    • रेलवे लाइन से मालवा और निमाड़ क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति समुदायों को बहुत लाभ होगा, सकारात्मक बदलाव आएगा तथा नए अवसर खुलेंगे। 
  • कृषि प्रभाव: प्याज़ उत्पादक केंद्रों (नासिक, धुले और नंदुरबार) तथा अन्य कृषि उत्पादों के लिये परिवहन में सुधार।
  • धार्मिक पर्यटन: रेल लाइन से ज्योतिर्लिंगों सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुँच आसान हो जाएगी, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • परियोजना वित्तपोषण और योगदान: मध्य प्रदेश 1,362.80 करोड़ रुपए (राज्य के हिस्से का 10%) का योगदान देगा, जबकि महाराष्ट्र वित्तीय रूप से योगदान नहीं देगा। शेष धनराशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
  • केंद्रीय सहायता: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत परियोजना को समर्थन दिया है।

प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 

  • उद्देश्य: अगले चार वर्षों में बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना, जिसमें ज़मीनी स्तर पर कार्यों में तेज़ी लाने, लागत कम करने तथा रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • गति शक्ति योजना वर्ष 2019 में शुरू की गई 110 लाख करोड़ रुपए की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का समामेलन करेगी।
    • लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती के अलावा, इस योजना का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देने के लिये कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और बंदरगाहों पर माल ढुलाई के समय को कम करना भी है।
    • इसका लक्ष्य 11 औद्योगिक गलियारे और दो नए रक्षा गलियारे बनाना है- एक तमिलनाडु में तथा दूसरा उत्तर प्रदेश में। सभी गाँवों तक 4G कनेक्टिविटी पहुँचाना भी इसका लक्ष्य है। गैस पाइपलाइन नेटवर्क में 17,000 किलोमीटर जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।
    • इससे सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिये निर्धारित महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई 2 लाख किलोमीटर तक बढ़ाना, 200 से अधिक नए हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम का निर्माण शामिल है।


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