राजस्थान
भारत का पहला सिकल सेल हब
- 10 Apr 2025
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान के उदयपुर ज़िले के बाल चिकित्सालय स्थित सिकल सेल एक्सीलेंस सेंटर में भारत का पहला सिकल सेल वेलनेस हब स्थापित किया गया। इसका शुभारंभ राजस्थान के जनजाति मंत्री द्वारा किया गया।
मुख्य बिंदु
- वेलनेस हब के बारे में:
- यह हब देश का पहला डिजिटल एक्टिव सेंटर है, जो सिकल सेल रोगियों के लिये स्क्रीनिंग से लेकर परामर्श तक की सुविधाएँ प्रदान करता है।
- इसका प्रमुख उद्देश्य जनजातीय समुदायों में व्यापक रूप से फैली सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम, समय रहते पहचान और प्रभावी उपचार सुनिश्चित करना है।
- यह केंद्र रोगियों को डिजिटल माध्यम से स्क्रीनिंग, परामर्श (counseling), और ओपीडी (Outpatient Department) सेवाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराएगा है, जिससे दूरदराज़ के क्षेत्र भी स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़े जा सकें।
- यह पहल राज्य और केंद्र सरकारों के साझा प्रयासों तथा सामाजिक संगठनों के सहयोग से, स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल प्रणाली के रूप में कार्य करेगी।
- सिकल सेल रोग (SCD)
- परिचय:
- SCD वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकारों का एक समूह है। इस रोग में हीमोग्लोबिन में विसंगति उत्पन्न हो जाती है, हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन का परिवहन करता है। SCD में लाल रक्त कोशिकाएँ कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं तथा C-आकार के कृषि उपकरण की तरह दिखती हैं जिसे "सिकल" कहा जाता है।
- परिचय:
- लक्षण:
- सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- क्रोनिक एनीमिया: यह शरीर में थकान, कमज़ोरी और पीलेपन का कारण बनता है।
- तीव्र दर्द (सिकल सेल संकट के रूप में भी जाना जाता है): यह हड्डियों, छाती, पीठ, हाथ एवं पैरों में अचानक असहनीय दर्द उत्पन्न कर सकता है।
- यौवन व शारीरिक विकास में विलंब।
- सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- उपचार:
- रक्ताधान: ये एनीमिया से छुटकारा पाने और तीव्र दर्द के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- हाइड्रॉक्सीयूरिया: यह दवा दर्द की निरंतरता की आवृत्ति को कम करने और बीमारी की दीर्घकालिक जटिलताओं को नियंत्रित करने में सहायता कर सकती है।
- इसका इलाज अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण द्वारा भी किया जा सकता