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सिकल सेल रोग

  • 04 Jan 2024
  • 6 min read

स्रोत: पी. आई. बी

राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत सिकल सेल रोग (SCD) के लिये 1 करोड़ से अधिक लोगों की जाँच की गई है।

  • वर्ष 2023 में शुरू किये गए राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का लक्ष्य वर्ष 2047 तक भारत से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है।

सिकल सेल रोग (SCD) क्या है?

  • परिचय:
    • SCD वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकारों का एक समूह है। इस रोग में हीमोग्लोबिन में विसंगति उत्पन्न हो जाती है, हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन का परिवहन करता है। SCD में लाल रक्त कोशिकाएँ कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं तथा C-आकार के कृषि उपकरण की तरह दिखती हैं जिसे "सिकल" कहा जाता है।
  • लक्षण:
    • सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
      • क्रोनिक एनीमिया: यह शरीर में थकान, कमज़ोरी और पीलेपन का कारण बनता है।
      • तीव्र दर्द (सिकल सेल संकट के रूप में भी जाना जाता है): यह हड्डियों, छाती, पीठ, हाथ एवं पैरों में अचानक असहनीय दर्द उत्पन्न कर सकता है।
      • यौवन व शारीरिक विकास में विलंब।
  • उपचार:
    • रक्ताधान: ये एनीमिया से छुटकारा पाने और तीव्र दर्द के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
    • हाइड्रॉक्सीयूरिया: यह दवा दर्द की निरंतरता की आवृत्ति को कम करने और बीमारी की दीर्घकालिक जटिलताओं को नियंत्रित करने में सहायता कर सकती है।
    • इसका इलाज अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण द्वारा भी किया जा सकता है।
  • SCD से निपटने के लिये सरकारी पहल:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. एनीमिया मुक्त भारत रणनीति के अंतर्गत की जा रही व्यवस्थाओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः(2023)

  1. इसमें स्कूल जाने से पूर्व के (प्री-स्कूल) बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं के लिये रोगनिरोधक कैल्सियम पूरकता प्रदान की जाती है।
  2. इसमें शिशु जन्म के समय देरी से रज्जु बंद करने के लिये अभियान चलाया जाता है।
  3. इसमें बच्चों और किशोरों की निर्धारित अवधियों पर कृमि-मुक्ति की जाती है।
  4. इसमें मलेरिया, हीमोग्लोबिनोपैथी और फ्लोरोसिस पर विशेष ध्यान देने के साथ स्थानिक बस्तियों में एनीमिया के गैर-पोषण कारणों की ओर ध्यान दिलाना शामिल है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • इसमें रोगनिरोधी कैल्शियम पूरकता नहीं बल्कि प्रोफिलैक्टिक आयरन और फोलिक एसिड पूरकता बच्चों, किशोरों एवं प्रजनन आयु की महिलाओं तथा गर्भवती महिलाओं को एनीमिया के बावजूद प्रदान की जाती है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • शिशु और छोटे बच्चों का उपयुक्त आहार (Appropriate Infant and Young Child Feeding- IYCF) 6 महीने तथा उससे अधिक उम्र के बच्चों हेतु पर्याप्त एवं आयु-उपयुक्त पूरक खाद्य पदार्थ प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • अपने आहार में विविधता लाकर भोजन की मात्रा एवं आवृत्ति में वृद्धि करना, साथ ही खाद्य पदार्थों में आयरन युक्त, प्रोटीन युक्त तथा विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना।
  • सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में विलंबित कॉर्ड क्लैम्पिंग (रक्त के प्रवाह को रोकना) (कम से कम 3 मिनट या रज्‍जु स्पंदन बंद होने तक) को बढ़ावा देना, इसके बाद प्रसव के 1 घंटे के भीतर प्रारंभिक स्तनपान कराने पर ज़ोर देना। अतः कथन 2 सही है।
  • राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day- NDD) के तहत प्रत्येक वर्ष 1-19 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों हेतु द्वि-वार्षिक सामूहिक कृमि नियंत्रण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। अतः कथन 3 सही है।
  • NDD योजना के हिस्से के रूप में एनीमिया मुक्त भारत में गर्भवती महिलाओं और प्रजनन आयु की महिलाओं हेतु कृमिनाशक दवा भी शामिल है।
  • मलेरिया, हीमोग्लोबिनोपैथी और फ्लोरोसिस पर विशेष ध्यान देने के साथ एनीमिया के गैर-पोषण संबंधी कारणों को उजागर करना आवश्यक है। अतः कथन 4 सही है।
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