भारतीय वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त | 10 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
7 मार्च 2025 को भारतीय वायु सेना (IAF) का जगुआर लड़ाकू विमान उड़ान के दौरान सिस्टम में खराबी आने के कारण हरियाणा के अंबाला में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
मुख्य बिंदु
- जगुआर के बारे में:
- जगुआर एक बहुमुखी विमान है, जिसका उपयोग ज़मीनी हमले, हवाई रक्षा और टोही मिशनों (Reconnaissance missions) के लिये किया जाता है।
- यह पाँचवीं पीढ़ी (5G) का लड़ाकू विमान है, जो अत्यधिक संघर्ष वाले युद्ध क्षेत्रों में परिचालन करने में सक्षम है तथा इसमें वर्तमान और संभावित दोनों प्रकार के सबसे उन्नत हवाई और ज़मीनी खतरों की उपस्थिति को रेखांकित किया गया है।
- 5G लड़ाकू विमानों में स्टेल्थ क्षमता होती है और वे आफ्टर बर्नर का उपयोग किये बिना सुपरसोनिक गति से उड़ान भर सकते हैं।
- यह अपनी बहु-स्पेक्ट्रल निम्न-अवलोकनीय डिज़ाइन, आत्म-सुरक्षा, रडार जैमिंग क्षमताओं और एकीकृत एवियोनिक्स के कारण चौथी पीढ़ी (4G) के समकक्षों से अलग है।
- मिग-21, मिग-29, जगुआर और मिराज 2000 के स्क्वाड्रनों को अगले दशक के मध्य तक चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा।
- जगुआर एक बहुमुखी विमान है, जिसका उपयोग ज़मीनी हमले, हवाई रक्षा और टोही मिशनों (Reconnaissance missions) के लिये किया जाता है।
मिग -21
- 1950 के दशक में तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा डिज़ाइन किया गया सुपरसोनिक जेट लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान।
- इतिहास में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला लड़ाकू विमान, जिसकी 11,000 से अधिक इकाइयाँ निर्मित हैं तथा 60 से अधिक देश इसका संचालन करते हैं।
- भारतीय वायुसेना ने अपना पहला मिग-21 विमान वर्ष 1963 में शामिल किया था और तब से अब तक इस विमान के 874 संस्करण शामिल किये जा चुके हैं।
- यह भारत से जुड़े कई युद्धों और संघर्षों में शामिल रहा, जिसके कारण इसे "उड़ता ताबूत" का उपनाम मिला।
मिग 29
- यह एक ट्विन-इंजन, मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे 1970 के दशक में सोवियत रूस द्वारा विकसित किया गया था। तब से इसे अपग्रेड किया गया है।