हरियाणा
हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध
- 13 Jan 2025
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चर्चा में क्यों?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के माध्यम से आर्थिक रूप से वंचित नागरिकों को आवास उपलब्ध कराने के लिये अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
- उन्होंने अधिकारियों को पात्र लाभार्थियों की पहचान करने के लिये व्यापक सर्वेक्षण करने और PMAY के तहत आवास आवंटन में तेज़ी लाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य बिंदु
- आवास पहल के अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने राज्य भर में 2,200 नए 'अमृत सरोवर' (जल निकाय) बनाने की योजना की घोषणा की, जो अमृत सरोवर योजना के तहत पहले से स्थापित 2,000 के अतिरिक्त होंगे।
- इस परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ाना और कृषि गतिविधियों को समर्थन देना है।
- अक्षय ऊर्जा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, सरकार ने 100,000 सौर पैनल लगाने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस पहल से सतत् ऊर्जा प्रथाओं को बढ़ावा मिलने और राज्य के कार्बन पदचिह्न को कम करने की आशा है।
- हरियाणा 28 फरवरी, 2025 तक नए आपराधिक कानून लागू करने वाला पहला राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के बाद दूसरा राज्य बन जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि इन कानूनों को अपनाने के लिये आवश्यक प्रक्रियाएँ चल रही हैं, जिसका उद्देश्य राज्य की कानूनी प्रणाली की दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाना है।
- ये पहल हरियाणा सरकार की अपने नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार, सतत् विकास को बढ़ावा देने और कानूनी सुधार सुनिश्चित करने के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं।
अमृत सरोवर मिशन
- 24 अप्रैल, 2022 को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारत के "आज़ादी का अमृत महोत्सव" समारोह के हिस्से के रूप में मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया गया।
- मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने के लिये भारत भर के प्रत्येक ज़िले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनरुद्धार करना है।
- इन जल निकायों के लिये लक्ष्य निर्धारित करना स्थानीय स्तर पर जल स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, पंचायती राज मंत्रालय, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सहित आठ केंद्रीय मंत्रालय/विभाग मिशन के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
- इस मिशन के लिये तकनीकी साझेदार के रूप में भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) को नियुक्त किया गया है।
- BISAG-N एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी है जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- अमृत सरोवर के निर्माण और पुनरुद्धार की पहचान करने तथा उसे क्रियान्वित करने में भू-स्थानिक डेटा और प्रौद्योगिकी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।