लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

हरियाणा

हरियाणा बजट 2024-25

  • 26 Feb 2024
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये 1.89 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष  2023-24 से 11 प्रतिशत अधिक है।

मुख्य बिंदु:

  • बजट 2024-25 की मुख्य बातें:
    • वर्ष 2024-25 के लिये 1,89,876.61 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है, जिसमें कोई नया कर प्रस्तावित नहीं है।
    • इसमें राजस्व व्यय के रूप में 1,34,456.36 करोड़ रुपए और पूंजीगत व्यय के रूप में 55,420.25 करोड़ रुपए शामिल हैं, जो कुल बजट का क्रमशः 70.81% और 29.19% है।
    • वर्ष 2014-15 से 2023-24 की अवधि के दौरान स्थिर कीमतों (2011-12 की कीमतें) पर हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 6.1% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है, जो वर्ष 2014-15 में 3,70,535 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 6,34,027 करोड़ रुपए हो गई है। ।
    • वर्ष 2023-24 में, सकल राज्य मूल्य वर्धित (GSVA) में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी प्राथमिक क्षेत्र में क्रमशः 52.6% और 18.1% अनुमानित है। प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों ने वर्ष 2023-24 में 8.6 %, 6.3% एवं 13.8% की वृद्धि दर्ज की है।
      • द्वितीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी 29.3% अनुमानित की गई है।
    • वर्ष 2022-23 में राज्य सार्वजनिक उद्यमों (PSE) का कारोबार 79,907 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया था, जो 11.94% की वृद्धि दर्शाता है।
  • सीएम ने यह भी घोषणा की कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) से किसानों द्वारा लिये गए फसल ऋण पर ब्याज और ज़ुर्माना माफ किया जाएगा।

सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 

  • सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष और बिना दोहराव के) के दौरान राज्य की भौगोलिक सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं की कुल मात्रा का मौद्रिक उपाय है।
  • अर्थव्यवस्था के ये अनुमान, समय के साथ आर्थिक विकास के स्तर में बदलाव की सीमा और दिशा को प्रकट करते हैं। 
  • इसे प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र जैसे तीन व्यापक क्षेत्रों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है तथा राष्ट्रीय लेखा प्रभाग, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार आर्थिक गतिविधि के अनुसार संकलित किया गया है। 
  • राज्य घरेलू उत्पाद को प्राथमिक क्षेत्र, माध्यमिक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र जैसे तीन व्यापक क्षेत्रों के तहत वर्गीकृत किया गया है तथा इसे राष्ट्रीय लेखा प्रभाग, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार आर्थिक गतिविधिवार संकलित किया जाता है।

प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS)

  • PACS ग्राम स्तर की सहकारी ऋण समितियाँ हैं जो राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंकों (State Cooperative Banks- SCB) की अध्यक्षता वाली त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अंतिम कड़ी के रूप में कार्य करती हैं।
  • SCB से क्रेडिट का हस्तांतरण ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंकों (District Central Cooperative Banks- DCCB) को किया जाता है, जो ज़िला स्तर पर काम करते हैं। ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक PACS के साथ काम करते हैं, साथ ही ये सीधे किसानों से जुड़े हैं।
  • PACS विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियों हेतु किसानों को अल्पकालिक एवं मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करते हैं।
  • पहला PACS वर्ष 1904 में बनाया गया था।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2