हरियाणा ने अनुसूचित जाति उप-वर्गीकरण को मंजूरी दी | 19 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हरियाणा मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जातियों (SC) का उपवर्गीकरण करने के लिये राज्य अनुसूचित जाति आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।
प्रमुख बिंदु:
- उद्देश्य: उप-वर्गीकरण का उद्देश्य विभिन्न अनुसूचित जाति समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं को मान्यता देकर, विशेष रूप से शैक्षिक और रोज़गार क्षेत्रों में, लाभों और अवसरों का अधिक न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है।
- पैनल की सिफारिश: आयोग ने अनुसूचित जाति समुदाय के अधिक वंचित वर्गों को बेहतर प्रतिनिधित्व और सहायता प्रदान करने के लिये अनुसूचित जातियों की एक नई श्रेणी बनाने का सुझाव दिया।
- आयोग ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के उद्देश्य से दो श्रेणियों में उपवर्गीकरण करने की सिफारिश की:
- वंचित अनुसूचित जातियाँ (DSC), जिसमें बाल्मीकि, धानक, मज़हबी सिख, खटीक, जैसी 36 जातियाँ शामिल हैं।
- अन्य अनुसूचित जातियाँ (OSC), जिनमें चमार, जटिया चमार, रेहगर, रैगर, रामदासी, रविदासी, जाटव, मोची, रामदासिया जैसी जातियाँ शामिल हैं।
- आयोग ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के उद्देश्य से दो श्रेणियों में उपवर्गीकरण करने की सिफारिश की:
- कार्यान्वयन: राज्य सरकार नई श्रेणियों को प्रतिबिंबित करने और लक्षित समर्थन सुनिश्चित करने के लिये मौजूदा नीतियों और योजनाओं में संशोधन के माध्यम से इस उप-वर्गीकरण को लागू करने की योजना बना रही है।
- संभावित प्रभाव: यह कदम विभिन्न अनुसूचित जाति समूहों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित कर उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बेहतरीकरण के लिये सकारात्मक नीतिगत सुधार के रूप में कार्य करेगा।