हरियाणा में GST भवन | 06 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष ने हरियाणा के रोहतक में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) के आधिकारिक परिसर, वस्तु एवं सेवा कर (GST) भवन का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु:
- रोहतक के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक पर स्थित यह परियोजना हरियाणा के प्रमुख ज़िलों से कनेक्टिविटी के केंद्र में है और GST करदाताओं की सुविधा के लिये आसान एवं त्वरित पहुँच है।
- अमृत काल में परियोजना का उद्घाटन नए भारत की क्षमता को दर्शाता है।
- CBIC वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक हिस्सा है।
- GST लागू होने के बाद वर्ष 2018 में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) का नाम बदलकर CBIC कर दिया गया।
- यह सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और IGST के संग्रहण और वसूली से संबंधित नीति तैयार करने, तस्करी की रोकथाम तथा CBIC के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST), एकीकृत GST व नारकोटिक्स से संबंधित मामलों के प्रशासन के कार्यों से संबंधित है।
वस्तु एवं सेवा कर (GST)
- परिचय: GST एक मूल्य वर्द्धित कर प्रणाली है जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।
- यह एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जिसे 1 जुलाई, 2017 को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से 'एक राष्ट्र एक कर' के नारे के साथ भारत में लागू किया गया था।
- GST परिषद: GST परिषद एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में GST के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279A (1) के अनुसार, GST परिषद का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया गया था।
- CGST: GST के तहत, CGST एक कर है जो केंद्र सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं दोनों की अंतर्राज्यीय आपूर्ति पर लगाया जाता है व केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है तथा इसके कोष में योगदान देता है।
- IGST: यह वस्तुओं और/या सेवाओं की सभी अंतर्राज्यीय आपूर्तियों पर या दो या अधिक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लगाया जाने वाला कर है।
- SGST: SGST के बराबर राशि एक कर है जो उस विशेष राज्य सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं दोनों की अंतर्राज्यीय आपूर्ति पर लगाया जाता है, जहाँ बेची गई वस्तु का उपभोग किया जाता है।