हरियाणा
हरियाणा में भूजल निष्कर्षण
- 05 Dec 2024
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चर्चा में क्यों?
हरियाणा में भूजल निष्कर्षण (SoE) का स्तर 135.74 % तक पहुँच गया है, जो दर्शाता है कि भूजल निष्कर्षण की दर धारणीय उपयोग सीमा से अधिक है।
प्रमुख बिंदु
- भूजल निष्कर्षण की वर्तमान स्थिति:
- हरियाणा
- वार्षिक भूजल पुनर्भरण: 9.55 बिलियन क्यूबिक मीटर (bcm)
- वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल: 8.69 bcm
- कुल भूजल निष्कर्षण (2023): 11.8 bcm
- SoE: 135.74%, यह दर्शाता है कि निष्कर्षण धारणीय स्तर से अधिक है।
- पंजाब
- वार्षिक भूजल पुनर्भरण: 18.84 bcm
- वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल: 16.98 bcm
- कुल भूजल निष्कर्षण (2023): 27.8 bcm
- SoE: धारणीय स्तर से अधिक, तथा निष्कर्षण स्थायी रूप से उपयोग किये जा सकने वाले स्तर से अधिक है।
- राजस्थान
- वार्षिक भूजल पुनर्भरण: 12.45 bcm
- वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल: 11.25 bcm
- कुल भूजल निष्कर्षण (2023): 16.74 bcm
- SoE: 148.77%, जो पुनर्भरण की तुलना में महत्त्वपूर्ण अति-निष्कर्षण को दर्शाता है।
- हरियाणा
- भूजल क्षरण की चिंताएँ:
- पर्यावरणीय क्षरण: जब भूजल स्तर गिरता है, तो खारा जल तटीय क्षेत्रों में प्रवेश कर सकता है, जिससे स्वच्छ जल के संसाधन दूषित हो सकते हैं।
- भूजल प्रदूषण: कृषि, सीवेज़ और उद्योग जैसी मानवीय गतिविधियों से भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट और लौह जैसे प्रदूषक प्रवेश कर सकते हैं।
- भूमि अवतलन: जब भूजल का अत्यधिक उपयोग किया जाता है, तो मृदा ढह सकती है, संकुचित हो सकती है और नीचे गिर सकती है, जिससे भूमि अवतलन होता है।
- नीति अनुशंसाएँ:
- जल शक्ति मंत्रालय (MoJS) ने राज्यों से किसानों को मुफ्त या सब्सिडी वाली विद्युत् उपलब्ध कराने की नीतियों का पुनर्मूल्यांकन करने का आग्रह किया है।
- धारणीय उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये जल मूल्य निर्धारण तंत्र लागू करना।
- भूजल पर निर्भरता कम करने के लिये फसल चक्र, विविधीकरण और अन्य उपायों को लागू करना।
- जल शक्ति अभियान (JSA) प्रयास:
- वर्ष 2019 से जल शक्ति अभियान एक मिशन-संचालित कार्यक्रम रहा है जो वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण पर केंद्रित है।
- JSA 2024 भारत भर के 151 जल-संकटग्रस्त ज़िलों पर केंद्रित है।