हरित ऊर्जा मुक्त पहुँच विनियमों में संशोधन किया | 05 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने अपने ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस विनियम, 2023 में संशोधन किया है।
मुख्य बिंदु
- खुली पहुँच के लिये विस्तारित पात्रता:
- 100 किलोवाट या उससे अधिक की अनुबंधित मांग वाले उपभोक्ता, चाहे एकल कनेक्शन के माध्यम से या वितरण लाइसेंसधारी के एक ही विद्युत परिचालन प्रभाग के अंतर्गत 100 किलोवाट या उससे अधिक की कुल क्षमता वाले एकाधिक कनेक्शनों के माध्यम से, अब हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस के लिये पात्र हैं।
- अपतटीय पवन परियोजनाओं के लिये अतिरिक्त अधिभार छूट बढ़ाई गई:
- दिसंबर 2032 तक चालू की गई अपतटीय पवन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली और ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाने वाली बिजली को अतिरिक्त अधिभार से छूट दी जाएगी। यह पिछली छूट को आगे बढ़ाता है, जो केवल दिसंबर 2025 तक लागू थी।
- गैर-स्वतंत्र फीडर उपभोक्ताओं के लिये खुली पहुँच पर स्पष्टीकरण:
- स्वतंत्र फीडरों से जुड़े नहीं रहने वाले पात्र उपभोक्ता ओपन एक्सेस का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे सिस्टम की बाध्यताओं और अपने वितरण लाइसेंसधारी द्वारा लगाए गए किसी भी बिजली कटौती प्रतिबंध को स्वीकार करें। ऐसे प्रतिबंधों के कारण कम निकासी की भरपाई नहीं की जाएगी।
हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC)
- इसकी स्थापना 17 अगस्त 1998 को हरियाणा विद्युत सुधार अधिनियम, 1997 के प्रावधान के अनुसार एक स्वतंत्र वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी।
- हरियाणा भारत का दूसरा राज्य था जिसने विद्युत क्षेत्र में सुधार एवं पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की।
- हरियाणा विद्युत सुधार अधिनियम, 1997 को हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा 22 जुलाई 1997 को पारित किया गया था। 20 फरवरी 1998 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद, यह अधिनियम 14 अगस्त 1998 को लागू हुआ।