हरियाणा के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये अनुदान | 22 Feb 2025

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार ने बिहार, हरियाणा और सिक्किम के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग (XV FC) अनुदान वितरित किया है।

मुख्य बिंदु

  • अनुदान का आवंटन:
    • हरियाणा:
      • हरियाणा के ग्रामीण स्थानीय निकायों को 202.47 करोड़ रुपए की अनटाइड अनुदान की दूसरी किस्त प्राप्त हुई।
      • यह धनराशि 18 पात्र ज़िला पंचायतों, 142 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 6,195 पात्र ग्राम पंचायतों के लिये निर्धारित की गई है।
    • बिहार:
      • बिहार को 821.80 करोड़ रुपए की अनटाइड ग्रांट की दूसरी किस्त प्राप्त हुई।
      • ये धनराशि 38 ज़िला पंचायतों, 530 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 8,052 पात्र ग्राम पंचायतों को आवंटित की गई है, जिन्होंने रिलीज के लिये अनिवार्य शर्तें पूरी की हैं।
    • सिक्किम:
      • सिक्किम को 6.26 करोड़ रुपए की कुल संयुक्त अनुदान की दूसरी किस्त प्राप्त हुई।
      • ये धनराशि 4 पात्र ज़िला पंचायतों और 186 पात्र ग्राम पंचायतों को आवंटित की गई, जिन्होंने जारी करने के लिये अनिवार्य शर्तें पूरी कीं।
      • अनटाइड एवं टाइड अनुदानों का उपयोग:
    • अप्रतिबंधित अनुदान:
      • पंचायती राज संस्थाएँ और ग्रामीण स्थानीय निकाय इन अनुदानों का उपयोग संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिये कर सकते हैं।
      • इन अनुदानों का उपयोग वेतन और स्थापना लागतों के लिये नहीं किया जा सकता।
    • बंधे हुए अनुदान:

वित्त आयोग

  • यह एक संवैधानिक निकाय है, जो संवैधानिक व्यवस्था और वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच कर आय के वितरण की विधि और नियम निर्धारित करता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत भारत के राष्ट्रपति को पाँच वर्ष के अंतराल पर या उससे पहले एक वित्त आयोग का गठन करना आवश्यक है।
  • प्रथम वित्त आयोग की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी और अब तक पंद्रह वित्त आयोग स्थापित हो चुके हैं।

 15वाँ वित्त आयोग

  • एन.के. सिंह की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा 27 नवंबर 2017 को योजना आयोग की समाप्ति और वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने की पृष्ठभूमि में किया गया था।
  • नवंबर 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग को पहले वित्त वर्ष 2020-21 के लिये अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत करने और वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिये अंतिम रिपोर्ट 30 अक्टूबर, 2020 तक प्रस्तुत करने के लिये इसके कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दी थी।