वैदिक शिक्षा के लिये भव्य आचार्यकुलम | 29 Oct 2024

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने वैदिक संस्कृति और प्राचीन भारतीय शिक्षा को  संरक्षित करने के लिये एक प्रतिष्ठित आचार्यकुलम या पारंपरिक स्कूल बनाने की योजना की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु 

  • संस्था का फोकस: 
    • आचार्यकुलम का उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं, संस्कृत और भारतीय परंपराओं को पुनर्जीवित करना तथा छात्रों के बीच सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
  • सुविधाएँ एवं बुनियादी ढाँचा: 
    • इसमें उन्नत शैक्षणिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी तथा पारंपरिक गुरुकुल मूल्यों का पालन करते हुए छात्रों को समग्र शिक्षण वातावरण प्रदान किया जाएगा।
  • सरकारी सहायता: 
    • राज्य सरकार आधुनिक शिक्षा को प्राचीन ज्ञान के साथ एकीकृत करने तथा भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने की व्यापक पहल के साथ तालमेल बिठाने के महत्त्व पर बल देती है।

 वैदिक काल (1500-600 ईसा पूर्व)

  • साहित्य के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के संदर्भ में, वैदिक ग्रंथ विकास के दो चरणों को दर्शाते हैं।
  • ऋग्वैदिक काल, जिसे प्रारंभिक वैदिक काल के नाम से भी जाना जाता है, वह समय है जब ऋग्वैदिक भजनों की रचना की गई थी, जो 1500 ईसा पूर्व और 1000 ईसा पूर्व के बीच था।
  • बाद का चरण, जिसे उत्तर वैदिक काल के रूप में जाना जाता है, 1000 ईसा पूर्व और 600 ईसा पूर्व के बीच माना जाता है।