दक्षिणी हरियाणा को हरा-भरा बनाने की सरकार की योजना | 01 May 2024

चर्चा में क्यों?

वन विभाग के अनुसार, दक्षिण हरियाणा के छह ज़िले वर्ष 2024 के मानसून सीज़न में 24 लाख पौधे लगाने की तैयारी में हैं।

मुख्य बिंदु:

  • फरीदाबाद द्वारा 5 लाख पौधे लगाकर इस पहल का नेतृत्व किया जाएगा, उसके बाद महेंद्रगढ़ द्वारा 4.9 लाख पौधे लगाए जाएंगे।
    • पलवल और गुड़गाँव द्वारा क्रमशः 3.7 लाख तथा 3.4 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जबकि नूंह एवं रेवाड़ी प्रत्येक में 3.3 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई जा रही है।
  • वार्षिक बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण प्रयासों के बावजूद गुड़गाँव के शहरी क्षेत्र में वन क्षेत्र 1% से भी कम है। वर्ष 2024 का व्यापक वृक्षारोपण अभियान हरित आवरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
    • वृक्षारोपण अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिये वन विभाग स्थानीय समुदायों को शामिल करने और पेड़ों के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की योजना बना रहा है।
    • नव स्थापित हरित क्षेत्रों के संरक्षण और सुरक्षा के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये रोपण पहल को संभवतः शैक्षिक पहल के साथ जोड़ा जाएगा।
  • इस परियोजना का लक्ष्य गुड़गाँव की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है जो स्विस कंपनी IQAir के अनुसार सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है।
    • इस फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, शहर में PM 2.5 की सांद्रता 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में 11% बढ़ गई
  • भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) वर्ष 2019 और 2020 के दौरान वन क्षेत्र में 2.47 वर्ग किमी. की गिरावट का संकेत देता है।
    • हालाँकि उनकी उत्तरजीविता सुनिश्चित किये बिना बड़ी संख्या में पेड़ लगाना कोई प्रभावी समाधान नहीं है। क्षेत्र में पौधों की जीवित रहने की दर केवल 10 से 20% है, जो बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान की अपर्याप्तता को रेखांकित करती है।
    • पर्यावरणविद् क्षेत्र में जैवविविधता को बढ़ाने के लिये वृक्षारोपण अभियान ऑडिट और देशी प्रजातियों के पुनरुद्धार की आवश्यकता पर बल देते हैं।

भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India- FSI)

  • FSI की स्थापना जून 1981 में हुई थी और इसका मुख्यालय उत्तराखंड के देहरादून में है।
  • यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन है।
  • यह संगठन भूमि और वन संसाधनों की बदलती स्थितियों की समय-समय पर निगरानी करने के लिये वन सर्वेक्षण, अध्ययन एवं शोध करता है।
  • यह राष्ट्रीय योजना, संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के सतत् प्रबंधन के साथ-साथ सामाजिक वानिकी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिये डेटा प्रस्तुत करता है।