भोज आर्द्रभूमि | 10 Aug 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि भोपाल में रामसर स्थल, भोज आर्द्रभूमि को रामसर कन्वेंशन सूची से हटाए जाने का खतरा है।

प्रमुख बिंदु:

भोज आर्द्रभूमि

  • भोज आर्द्रभूमि, जिसे भोपाल झील के नाम से भी जाना जाता है, एक विनिर्दिष्ट रामसर स्थल है और इसलिये यह अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि है (रामसर कन्वेंशन वर्ष 1971)।
  • इसमें दो मानव निर्मित जलाशय शामिल हैं -
    • "ऊपरी झील" - 11वीं शताब्दी में कोलांस नदी पर मृदा के बाँध के निर्माण से निर्मित। "निचली झील" - 200 वर्ष पूर्व निर्मित, मुख्यतः ऊपरी झील से रिसाव के कारण। यह भोपाल शहर से घिरा हुआ है।

जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिये राष्ट्रीय योजना (National Plan for Conservation of Aquatic Ecosystems- NPCA)

  • NPCA आर्द्रभूमि और झीलों दोनों के लिये एक एकल संरक्षण कार्यक्रम है।
  • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका क्रियान्वयन वर्तमान में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
    • इसे वर्ष 2015 में राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना और राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम को मिलाकर तैयार किया गया था।
  • NPCA का उद्देश्य बेहतर तालमेल को बढ़ावा देना तथा प्रशासनिक कार्यों में अतिव्यापन से बचना है।