उत्तर प्रदेश
फल विकास और पादप हार्मोन
- 14 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
फलों का पकना पौधे की उम्र बढ़ने (जीर्णता) की प्रक्रिया का अंतिम चरण है, जो बीजों के फैलाव को सरल और सुगम बनाने में सहायक होता है।
मुख्य बिंदु
फल विकास और पादप हार्मोन के बारे में:
- फल विकास 3 चरणों में होता है:
- फल सेट (Fruit Set): निषेचन के बाद अंडाशय की वृद्धि प्रारंभ होती है।
- फल वृद्धि (Fruit Growth): इस चरण में कोशिकाओं का सक्रिय विभाजन और विस्तार होता है।
- परिपक्वता (Maturation): फल और बीज पूरी तरह से अपने आकार को प्राप्त कर लेते हैं।
- इसके बाद फसल पकती है, जिससे खाद्यता में सुधार होता है और बीज फैलाव में सहायता मिलती है।
फल पकने की प्रक्रिया:
- पादप हार्मोन:
- कृत्रिम फल पकाने के लिये प्रयुक्त पदार्थ:
- कैल्शियम कार्बाइड: यह जहरीली एसिटिलीन गैस उत्सर्जित करता है तथा इसमें फास्फोरस और आर्सेनिक (एक कैंसरकारी पदार्थ) हो सकता है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
- खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम, 2011 के अंतर्गत FSSAI द्वारा इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- अनुमत पदार्थ:
- एथिलीन गैस: FSSAI द्वारा स्वीकृत 100 ppm (प्रति मिलियन भाग) तक; प्राकृतिक रूप से पकने में सहायक। इसे नियंत्रित पकने वाले कक्षों में प्रयुक्त किया जाना चाहिये और फलों के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिये।
- एथिफॉन: विखंडन पर एथिलीन मुक्त होती है और विनियमित परिस्थितियों में कृत्रिम रूप से पकाने के लिये उपयोग किया जाता है।
- ईथरीय (Ethereal): यह एक एथिलीन-विमोचन यौगिक है जिसका उपयोग नियंत्रित परिस्थितियों में किया जाता है।