बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री पद्म भूषण से सम्मानित | 29 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को सार्वजनिक जीवन में उनके असाधारण योगदान के लिये मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह सम्मान प्रदान किया।
मुख्य बिंदु
- सुशील कुमार मोदी का योगदान
- राजकोषीय प्रबंधन और राज्य विकास: बिहार के सबसे लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने बिहार को राजस्व-अधिशेष राज्य में बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उन्हें प्रभावी राजकोषीय प्रबंधन और बेहतर प्रशासन के माध्यम से राज्य के विकास में योगदान के लिये जाना जाता था।
- भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की शुरूआत में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
- राज्य वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति (2011-2013) के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंनेGST लागू करने के लिये राज्यों के बीच आम सहमति बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारत के कर ढाँचे में एक ऐतिहासिक सुधार था।
- राजनीतिक नेतृत्व: राजनीति में तीन दशकों से अधिक समय तक उन्होंने संसद के दोनों सदनों और बिहार विधानसभा में सेवा की।
- उन्होंने कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष जैसे नेतृत्वकारी भूमिकाएँ भी निभाईं।
- लिंग बजट और महिला कल्याण: बिहार के वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, मोदी ने लिंग बजट की अभिनव अवधारणा पेश की, जिसमें महिलाओं के कल्याण और सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा यह सुनिश्चित किया गया कि राज्य की वित्तीय योजना में उनके मुद्दों को शामिल किया जाए।
- अंग दान की वकालत: वे अंग दान के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने बिहार में 'दधीचि देह दान समिति' अभियान की स्थापना की, जिसका उद्देश्य अंग दान के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और लोगों को अपने अंग दान करने के लिये प्रोत्साहित करना था।
- राजकोषीय प्रबंधन और राज्य विकास: बिहार के सबसे लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने बिहार को राजस्व-अधिशेष राज्य में बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पद्म पुरस्कार
- पृष्ठभूमि:
- पद्म पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर की जाती है।
- वर्ष 1954 में स्थापित यह भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है।
- उद्देश्य:
- यह उन सभी विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों में उपलब्धियों की पहचान करता है, जिनमें सार्वजनिक सेवा का तत्त्व शामिल हो।
- श्रेणियाँ:
- पद्म भूषण (उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा)
- पद्म श्री (प्रतिष्ठित सेवा)
- ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाते हैं:
- पद्म विभूषण (असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिये)
- पद्म भूषण और पद्म श्री के बाद पद्म पुरस्कारों के पदानुक्रम में पद्म विभूषण सर्वोच्च है।
- पद्म भूषण (उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा)
- क्षेत्र:
- ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार एवं उद्योग, चिकित्सा, साहित्य तथा शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों में दिये जाते हैं।
- पात्रता:
- जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिये पात्र हैं।
- चयन प्रक्रिया:
- पद्म पुरस्कार समिति:
- ये पुरस्कार ‘पद्म पुरस्कार समिति’ द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर प्रदान किये जाते हैं, जिसका गठन प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है।
- राष्ट्रपति द्वारा प्रदत:
- ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा आमतौर पर प्रतिवर्ष मार्च/अप्रैल के महीने में प्रदान किये जाते हैं।
- पद्म पुरस्कार समिति: