स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल होगा 'आपातकाल' अध्याय | 28 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में आपातकाल पर एक अध्याय जोड़ने/सम्मिलित करने की घोषणा की।
- इस अध्याय में आपातकाल के दौरान किये गए "उल्लंघन और दमन" के बारे में बताया जाएगा, जिसे भारत सरकार ने वर्ष 1975 में लगाया था।
मुख्य बिंदु:
- इस कदम के पीछे का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को वर्ष 1975 से 1977 के आपातकाल के दौरान संघर्ष से अवगत कराना है।
- मुख्यमंत्री ने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष में भाग लेने वाले 'लोकतंत्र सेनानियों' के लिये कई अतिरिक्त सुविधाओं की घोषणा की।
- लोकतंत्र सेनानियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी तथा आपातकाल विरोधी योद्धाओं को किराए में 25% की छूट दी जाएगी।
- लोकतंत्र सेनानियों का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिये सभी प्रबंध किये जाएंगे। अंतिम संस्कार के समय उनके परिजनों को दी जाने वाली राशि को मौजूदा 8,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए किया जाएगा।
- लोकतंत्र सेनानियों के परिजनों को उद्योग या अन्य व्यवसाय स्थापित करने के लिये आवश्यक प्रशिक्षण देकर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था, विपक्षी नेताओं और असंतुष्टों को जेल में डाल दिया गया था तथा प्रेस सेंसरशिप लागू कर दी गई थी। इस वर्ष इस अवधि की 50वीं वर्षगाँठ मनाई गई।
आपातकाल (Emergency)
- आपातकालीन प्रावधान भारतीय संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक निहित हैं।
- राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
- यह प्रावधान राष्ट्रपति को आपातकाल की स्थिति घोषित करने का अधिकार देता है, यदि वह संतुष्ट हो कि देश या इसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण खतरे में है।
- राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356)
- अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार देता है, यदि वह संतुष्ट हो कि राज्य में सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है।
- यह प्रावधान राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने या व्यवधान/अवरोध की स्थिति उत्पन्न होने पर लागू किया जाता है, जिससे संघ को राज्य का शासन अपने अधीन करने की अनुमति मिलती है।
- वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
- यह प्रावधान राष्ट्रपति को वित्तीय आपातकाल की स्थिति घोषित करने की अनुमति देता है, यदि वह संतुष्ट हो कि भारत या उसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता या ऋण को खतरा है।