पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना | 01 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।
मुख्य बिंदु:
- MoU राजस्थान के 13 ज़िलों में पेयजल और सिंचाई की उपलब्धता का मार्ग प्रशस्त करेगा तथा क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को बदलने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP), एक महत्त्वाकांक्षी पेयजल और सिंचाई जल परियोजना की घोषणा राज्य सरकार द्वारा राज्य बजट 2017-18 में पूर्वी राजस्थान के 13 ज़िलों में पीने तथा सिंचाई के जल की समस्या के स्थायी समाधान के रूप में की गई थी।
- इन ज़िलों में झालावाड़, बारां, कोटा बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर शामिल थे।
- ERCP का उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान में चंबल, कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध सहित इसकी सहायक नदियों में बरसात के मौसम में उपलब्ध अतिरिक्त जल का संचयन करना और इस जल का उपयोग राज्य के दक्षिण-पूर्वी ज़िलों में करना है, जहाँ पीने तथा सिंचाई के लिये जल की कमी है।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का उद्देश्य वर्ष 2051 तक दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में मानव तथा पशुधन हेतु पीने के जल तथा औद्योगिक गतिविधियों हेतु जल की आवश्यकताओं को पूरा किया जाना है।
चंबल नदी
- परिचय: यह 960 किमी. लंबी नदी है जो विंध्य पर्वत (इंदौर, मध्य प्रदेश) के उत्तरी ढलानों में सिंगर चौरी चोटी से निकलती है। वहांँ से यह मध्य प्रदेश में उत्तर दिशा में लगभग 346 किमी. तक बहती है और फिर राजस्थान में प्रवेश कर 225 किमी. उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है।
- यह यू.पी. के इटावा ज़िले में यमुना नदी में मिलने से पहले लगभग 32 किमी. तक बहती है।
- यह एक वर्षा सिंचित नदी है और इसका बेसिन विंध्य पर्वत शृंखलाओं तथा अरावली से घिरा हुआ है। चंबल और उसकी सहायक नदियाँ उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में बहती हैं।
- राजस्थान में हाडौती/हाड़ौती का पठार (Hadauti Plateau) चंबल नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र मेवाड़ मैदान के दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
- सहायक नदियाँ: बनास, काली सिंध, पार्वती आदि।
- मुख्य विद्युत परियोजनाएंँ/बांँध: गांधी सागर बांँध, राणा प्रताप सागर बांँध, जवाहर सागर बांँध और कोटा बैराज।
- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ट्राई-जंक्शन पर चंबल नदी के किनारे स्थित है। यह गंभीर रूप से लुप्तप्राय घड़ियाल, रेड क्राउन रूफ टर्टल और लुप्तप्राय गंगा नदी डॉल्फिन के लिये जाना जाता है।