उत्तर प्रदेश
कुंभ मेला 2025 के लिये डिजिटल टिकट बुकिंग
- 01 Jan 2025
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रेलवे ने कुंभ मेला 2025 से पहले यात्रियों के लिये टिकट बुकिंग को डिजिटल बनाने हेतु स्वयंसेवकों के लिये QR स्कैनर युक्त जैकेट पेश किये हैं।
मुख्य बिंदु
- अधिकारियों की तैनाती:
- प्रयागराज मंडल के उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी पीछे QR कोड लगे फ्लोरोसेंट हरे रंग के जैकेट पहनेंगे।
- भक्तजन अनारक्षित टिकट प्रणाली (UTS) मोबाइल ऐप तक पहुँचने के लिये QR कोड को स्कैन कर सकते हैं।
- यह ऐप यात्रियों को लंबी कतारों से बचाकर डिजिटल रूप से अनारक्षित टिकट बुक करने की सुविधा देता है।
- इस आयोजन के दौरान रेलवे 10,000 से अधिक नियमित ट्रेनें और 3,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाएगा।
- प्रयागराज मंडल के उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी पीछे QR कोड लगे फ्लोरोसेंट हरे रंग के जैकेट पहनेंगे।
- महाकुंभ रेल सेवा 2025 ऐप:
- रेलवे ने ट्रेनों की समय-सारिणी, गेस्ट हाउस की जानकारी, हेल्पलाइन नंबर आदि जानकारी देने के लिये एक ऐप और पोर्टल लॉन्च किया है।
- 1.3 लाख श्रद्धालुओं की क्षमता वाले 28 अतिथि गृहों में आगंतुकों के लिये व्यवस्था की जाएगी।
- 1 नवंबर, 2024 से एक टोल-फ्री नंबर 1800-4199-139 सक्रिय हो गया है।
- 1 जनवरी, 2025 से यह हेल्पलाइन 24x7 संचालित होगी, जिसमें ओडिया, तमिल, तेलुगु, मराठी और बंगाली में कुशल बहुभाषी कॉल ऑपरेटर होंगे।
- रेलवे की घोषणाएँ हिंदी, अंग्रेज़ी, गुजराती, मराठी, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, ओडिया, पंजाबी और असमिया सहित 12 भाषाओं में की जाएँगी।
कुंभ मेला
- परिचय:
- यह धरती पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समागम है, जिसके दौरान प्रतिभागी पवित्र नदी में स्नान या डुबकी लगाते हैं। यह समागम 4 अलग-अलग जगहों पर होता है, अर्थात्-
- हरिद्वार में, गंगा के तट पर।
- उज्जैन में, शिप्रा के तट पर।
- नासिक में, गोदावरी (दक्षिण गंगा) के तट पर।
- प्रयागराज में, गंगा, यमुना और पौराणिक अदृश्य सरस्वती के संगम पर।
- कुंभ के विभिन्न प्रकार:
- कुंभ मेला 12 वर्षों में 4 बार मनाया जाता है।
- हरिद्वार और प्रयागराज में, अर्द्ध-कुंभ मेला हर छठे वर्ष आयोजित किया जाता है।
- महाकुंभ मेला 144 वर्षों (12 'पूर्ण कुंभ मेलों' के बाद) के बाद प्रयाग में मनाया जाता है।
- प्रयागराज में हर साल माघ (जनवरी-फरवरी) महीने में माघ कुंभ मनाया जाता है।