उत्तर प्रदेश में साइबर पुलिस स्टेशन | 01 May 2024

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार संसदीय चुनाव के बाद 57 ज़िलों में साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित करेगी, जिसमें प्रत्येक साइबर पुलिस स्टेशन में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये 25 पद होंगे।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य सरकार ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के जवाब में राज्य के सभी 75 ज़िलों में साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है।
    • जबकि 18 मंडलों में साइबर स्टेशन पहले से ही चालू हैं, शेष 57 ज़िलों को भी लोकसभा चुनाव के बाद ऐसे स्टेशन मिलेंगे।
  • इन स्टेशनों को अंतिम रूप आदर्श आचार संहिता (MCC) हटने और आम चुनाव के समापन के बाद दिया जाएगा।

आदर्श आचार संहिता (MCC)

  • MCC एक सर्वसम्मत दस्तावेज़ है। राजनीतिक दल स्वयं चुनाव के दौरान अपने आचरण को नियंत्रित रखने और संहिता के भीतर काम करने पर सहमत हुए हैं।
  • यह चुनाव आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिये गए जनादेश को ध्यान में रखते हुए मदद करता है, जो उसे संसद और राज्य विधानमंडलों के लिये स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों की निगरानी एवं संचालन करने की शक्ति देता है।
  • MCC चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से परिणाम की घोषणा की तारीख तक चालू रहता है।
  • संहिता लागू रहने के दौरान सरकार किसी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकती, सड़कों या अन्य सुविधाओं के निर्माण का वादा नहीं कर सकती और न ही सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम में कोई तदर्थ नियुक्ति कर सकती है।
  • MCC की प्रवर्तनीयता:

साइबर अपराध

  • साइबर अपराध को ऐसे अपराध के रूप में परिभाषित किया जाता है जहाँ कंप्यूटर अपराध का माध्यम होता है या अपराध करने के लिये एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • इसमें अवैध या अनधिकृत गतिविधियाँ शामिल हैं जो विभिन्न प्रकार के अपराध करने के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाती हैं।
  • साइबर अपराध में अपराधों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है, यह व्यक्तियों, संगठनों के साथ-साथ सरकारों को भी प्रभावित कर सकता है।