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हरियाणा

महामारी तैयारी नवाचारों का गठबंधन

  • 18 Jul 2024
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्वास्थ्य अनुसंधान के लिये एशिया की पहली प्री-क्लीनिकल नेटवर्क सुविधा क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (Regional Centre of Biotechnology- RCB) में स्थापित की गई।

मुख्य बिंदु

  • CEPI ने BSL3 रोगजनकों को नियंत्रित करने की क्षमता के आधार पर BRIC-THSTI को प्री-क्लीनिकल नेटवर्क प्रयोगशाला के रूप में चुना है।
    • यह 9वीं नेटवर्क प्रयोगशाला है और यह एशिया की पहली प्रयोगशाला होगी, जो अमेरिका, यूरोप तथा ऑस्ट्रेलिया की अन्य प्रयोगशालाओं में शामिल होगी।
    • यह पशु सुविधा देश की सबसे बड़ी सुविधाओं में से एक है, जिसमें लगभग 75,000 चूहों के साथ-साथ कमज़ोर प्रतिरक्षा वाले चूहे, खरगोश, हैम्स्टर और गिनी पिग भी रखे गए हैं।
  • जेनेटिकली डिफाइंड ह्यूमन एसोसिएटेड माइक्रोबियल कल्चर कलेक्शन ( Ge-HuMic) फैसिलिटी" का भी उद्घाटन किया गया, जो अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और उद्योगों को अनुसंधान तथा विकास के लिये माइक्रोबियल कल्चर को प्रदान करने के लिये एक "भंडार" के रूप में कार्य करेगा।
    • यह सुविधा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों तथा उद्योग के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिये एक नोडल संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करेगी।
    • यह देश में शोधकर्त्ताओं के लिये क्रायो-संरक्षित भ्रूण और शुक्राणु सहित आनुवंशिक रूप से विशिष्ट रोगजनक-मुक्त जानवरों का भी भंडारण कर सकेगा।

नवाचार के लिये महामारी तैयारी गठबंधन (CEPI)

  • CEPI एक वैश्विक साझेदारी है जिसे भविष्य में महामारियों को रोकने के लिये टीके विकसित करने हेतु वर्ष 2017 में शुरू किया गया था।
  • CEPI की स्थापना नॉर्वे और भारत की सरकारों, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, वेलकम ट्रस्ट तथा विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) द्वारा दावोस (स्विट्ज़रलैंड) में की गई थी।
  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारत सरकार Ind-CEPI मिशन ‘रैपिड वैक्सीन डेवलपमेंट के माध्यम से भारत केंद्रित महामारी की तैयारी: वैश्विक पहल के साथ गठबंधन कर भारत में वैक्सीन का विकास’ को लागू कर रही है
    • इस मिशन के उद्देश्य CEPI के उद्देश्यों के अनुरूप हैं और इसका लक्ष्य भारत में महामारी की संभावना वाले रोगों के लिये टीकों तथा संबंधित क्षमताओं/प्रौद्योगिकियों के विकास को मज़बूत करना है।

ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (THSTI)

  • यह जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) का एक स्वायत्त संस्थान है।
  • यह फरीदाबाद (हरियाणा) में स्थित है।

जैव सुरक्षा स्तर (BSL)

  • BSL (Biosafety Levels) का उपयोग प्रयोगशाला में श्रमिकों, पर्यावरण और जनता की सुरक्षा के लिये आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों की पहचान करने के लिये किया जाता है।
  • जैविक प्रयोगशालाओं में संचालित गतिविधियों और परियोजनाओं को जैव सुरक्षा स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
  • चार जैव सुरक्षा स्तर BSL-1, BSL-2, BSL-3 और BSL-4 हैं, जिसमें BSL-4 नियंत्रण का उच्चतम (अधिकतम) स्तर है।
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