मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना | 02 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पहले से ही लाभार्थी किसानों को 2,000 रुपए की अतिरिक्त वार्षिक वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- इस योजना के तहत, 1,000 रुपए की पहली किस्त वितरित की गई है, इसके बाद 500 रुपए की दो किस्तें वितरित की गई हैं।
- योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये सहकारिता विभाग को नोडल विभाग के रूप में नामित किया गया है।
- राजस्थान में लगभग 650 करोड़ रुपए की राशि 65 लाख से अधिक किसानों को इस पहली किस्त के हिस्से के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त हुई।
- मुख्यमंत्री ने महिलाओं द्वारा संचालित 51 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को 3-3 लाख रुपए भी वितरित किये।
- महिलाओं द्वारा विशेष रूप से प्रबंधित इन समितियों का उद्देश्य नेतृत्व कौशल विकसित करना और महिलाओं को अपने विकास एवं कल्याण हेतु निर्णय लेने के लिये सशक्त बनाना है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
- यह भारत सरकार द्वारा 100% वित्तपोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- इसका क्रियान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
- इस योजना के तहत, केंद्र सरकार सभी भूमिधारक किसानों के बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की राशि सीधे हस्तांतरित करती है, चाहे उनकी भूमि कितनी भी बड़ी क्यों न हो।
- इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों (SMF) की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना है, ताकि प्रत्येक फसल चक्र के अंत में अनुमानित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य एवं उचित उपज सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न इनपुट खरीदे जा सकें। लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी ज़िम्मेदारी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है।
सहकारी समिति (Cooperative Society)
- सहकारी संस्थाएँ ज़मीनी/प्राथमिक स्तर पर लोगों द्वारा बाज़ार में सामूहिक सौदाकारी क्षमता का उपयोग करने के लिये बनाई गई संस्थाएँ हैं।
- इसका अर्थ विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएँ हो सकती हैं, जैसे कि एक साझा संसाधन का उपयोग करना या पूंजी साझा करना, एक साझा लाभ प्राप्त करना जो अन्यथा एक व्यक्तिगत उत्पादक के लिये प्राप्त करना मुश्किल होगा।
- कृषि में सहकारी डेयरियाँ, चीनी मिलें, कताई मिलें आदि उन किसानों के संयुक्त संसाधनों से बनाई जाती हैं जो अपनी उपज को संसाधित करना चाहते हैं।
- अमूल शायद भारत की सबसे प्रसिद्ध सहकारी समिति है।