उत्तराखंड
तीर्थयात्रियों के प्रबंधन हेतु केंद्र की सहायता
- 26 Jul 2024
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चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों के प्रबंधन के लिये नीति आयोग के माध्यम से केंद्र से सहायता की मांग करने का निर्णय लिया।
प्रमुख बिंदु
- तीर्थयात्रा पर्यटन के लिये प्रसिद्ध उत्तराखंड राज्य अपनी अस्थायी जनसंख्या (मूलतः पर्यटक और तीर्थयात्री) में प्रतिवर्ष आठ गुना वृद्धि के कारण बड़ी समस्या का सामना कर रहा है
- उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार से केंद्रीय बजट में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के मानदंडों में वनाग्नि और हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन की क्षति से होने वाले नुकसान के लिये मुआवज़े को शामिल करने का अनुरोध किया था
- देश के 147 सबसे अधिक भूस्खलन सुभेद्य ज़िलों में से एक होने के बावजूद राज्य को ग्रीन बोनस अथवा अस्थायी जनसंख्या के प्रबंधन के लिये कोई सहायता प्रदान नहीं की गई
- राज्य को रुद्रप्रयाग और टिहरी जैसे ज़िलों में हिमनद अथवा भूस्खलन अनुसंधान केंद्रों की स्थापना जैसी सुविधाएँ प्रदान किये जाने की उम्मीद थी किंतु बजट में इन मुद्दों को संबोधित नहीं किया गया।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF)
- SDRF का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48 (1)(a) के तहत किया गया है।
- इसका गठन 13वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया था।
- यह राज्य सरकार के पास उपलब्ध प्राथमिक निधि होती है, जिसका उपयोग प्रायः अधिसूचित आपदाओं हेतु तत्काल राहत प्रदान करने के लिये किया जाता है।
- प्रतिवर्ष भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा इसका अंकेक्षण किया जाता है।