मध्य प्रदेश में जाँच के लिये CBI को लिखित सहमति की ज़रूरत | 20 Jul 2024

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation- CBI) को अपने “लोक सेवकों” के खिलाफ जाँच शुरू करने के लिये लिखित अनुमति की आवश्यकता होगी।

मुख्य बिंदु:

  • केंद्र सरकार के अधिकारियों या निजी व्यक्तियों की जाँच के लिये किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
  • भारतीय न्याय संहिता (नए आपराधिक कानून) के सुचारु संचालन के लिये लागू होने के बाद यह प्रावधान जारी किया गया है।
    • पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों ने CBI जाँच के लिये अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली है

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation- CBI)

  • CBI की स्थापना गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव द्वारा की गई थी और बाद में इसे कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को हस्तांतरित कर दिया गया, जो वर्तमान में एक संबद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा है।
  • इसकी स्थापना की सिफारिश भ्रष्टाचार निवारण पर संथानम समिति द्वारा की गई थी।
  • सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (Delhi Special Police Establishment- DSPE) अधिनियम, 1946 के तहत काम करती है। यह न तो संवैधानिक है और न ही वैधानिक निकाय है।
  • यह रिश्वतखोरी, सरकारी भ्रष्टाचार, केंद्रीय कानूनों के उल्लंघन, बहु-राज्य संगठित अपराध और बहु-एजेंसी अथवा अंतर्राष्ट्रीय मामलों से संबंधित मामलों की जाँच करता है।