CBI निदेशक की नियुक्ति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने 'सुबोध कुमार जायसवाल' को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation- CBI) का नया निदेशक नियुक्त किया है।
- CBI के निदेशक की नियुक्ति दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (Delhi Special Police Establishment Act), 1946 की धारा 4ए के तहत की जाती है।
प्रमुख बिंदु
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के बारे में:
- CBI की स्थापना वर्ष 1963 में गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव द्वारा की गई थी।
- अब CBI कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training- DoPT) के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।
- भ्रष्टाचार की रोकथाम पर संथानम समिति (1962-1964) द्वारा CBI की स्थापना की सिफारिश की गई थी।
- CBI एक वैधानिक निकाय नहीं है। यह दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 से अपनी शक्तियाँ प्राप्त करता है।
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation-CBI) केंद्र सरकार की एक प्रमुख अन्वेषण एजेंसी है।
- यह केंद्रीय सतर्कता आयोग और लोकपाल को भी सहायता प्रदान करता है।
- यह भारत में नोडल पुलिस एजेंसी भी है जो इंटरपोल सदस्य देशों की ओर से जाँच का समन्वय करती है।
- CBI का नेतृत्व एक निदेशक करता है।
- CBI के पास IPC में 69 केंद्रीय कानूनों, 18 राज्य अधिनियमों और 231 अपराधों से संबंधित अपराधों की जाँच करने का अधिकार क्षेत्र है।
CBI निदेशक की नियुक्ति:
- CBI का निदेशक पुलिस महानिरीक्षक, दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में संगठन के प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार है।
- लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम (2013) ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (1946) में संशोधन किया और CBI के निदेशक की नियुक्ति के संबंध में निम्नलिखित परिवर्तन किये।
- नियुक्ति समिति: केंद्र सरकार तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश पर CBI के निदेशक की नियुक्ति करेगी जिसमें अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और भारत का मुख्य न्यायाधीश या उसके द्वारा नामित सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश शामिल होंगे।
- दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अधिनियम, 2014 ने CBI के निदेशक की नियुक्ति से संबंधित समिति की संरचना में बदलाव किया।
- इसमें कहा गया है कि जहाँ लोकसभा में विपक्ष का कोई मान्यता प्राप्त नेता नहीं है, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता उस समिति का सदस्य होगा।
- निदेशक का कार्यकाल: CBI के निदेशक को CVC अधिनियम, 2003 द्वारा दो वर्ष के कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान की गई है।
CBI निदेशक से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के फैसले:
- छह महीने के न्यूनतम अवशिष्ट कार्यकाल नियम को सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च 2019 के आदेश में पेश किया था।
- छह महीने से कम के कार्यकाल वाले किसी भी अधिकारी को प्रमुख पद के लिये विचार नहीं किया जा सकता है।
- हालाँकि प्रकाश सिंह मामले में आदेश DGP की नियुक्ति से संबंधित था, लेकिन इसे CBI निदेशक तक भी बढ़ा दिया गया था।
- प्रकाश सिंह मामले, 2006 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि DGP की नियुक्ति "पूरी तरह से योग्यता के आधार पर और कार्यालय को सभी प्रकार के प्रभावों और दबावों से बचाने के लिये होनी चाहिये"।
- उच्च स्तरीय समिति की पूर्व सहमति के बिना उसका तबादला नहीं किया जा सकता है।
- भारत संघ बनाम सी. दिनाकर (Union of India versus C. Dinakar), 2001 मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि "आमतौर पर CBI निदेशक की सेवानिवृत्ति की तिथि पर सेवा में सबसे वरिष्ठ चार बैचों के IPS अधिकारी उनके पैनल के बावजूद CBI निदेशक के पद पर नियुक्ति के लिये विचार के पात्र होंगे।"