कैलिफोर्नियम | 22 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के गोपालगंज में पुलिस ने 50 ग्राम कैलिफोर्नियम नामक पदार्थ ज़ब्त किया, जो कि अत्यधिक रेडियोधर्मी धातु है और इसकी कीमत 850 करोड़ रुपए है।
- हालाँकि परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा किये गए प्रारंभिक परीक्षणों में कोई रेडियोधर्मिता नहीं पाई गई।
मुख्य बिंदु:
- कैलिफोर्नियम के बारे में:
- कैलिफोर्नियम का नाम अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया और विश्वविद्यालय के नाम पर रखा गया है।
- इसे पहली बार 1950 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के शोधकर्त्ताओं द्वारा संश्लेषित किया गया था।
- कैलिफोर्नियम एक चाँदी-सफेद रंग की सिंथेटिक रेडियोधर्मी धातु है, जिसकी आवर्त सारणी में परमाणु संख्या 98 है।
- यह प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है और इसका उत्पादन नाभिकीय अभिक्रियाओं विशेष रूप से क्यूरियम पर हीलियम आयनों की बमबारी के माध्यम से होता है।
- क्यूरियम एक कठोर धातु है जिसका परमाणु क्रमांक 96 और प्रतीक Cm है। यह धातु परमाणु रिएक्टरों में कृत्रिम रूप से उत्पादित की जाती है।
- हीलियम आयन हीलियम का एक धनात्मक आवेशित परमाणु होता है, जिसे आमतौर पर He+ के रूप में दर्शाया जाता है। यह तब बनता है जब हीलियम परमाणु अपने एक या अधिक इलेक्ट्रॉन खो देता है।
- गुण:
- कैलिफोर्नियम अत्यधिक रेडियोधर्मी है और मूल्यवान तथा खतरनाक दोनों है।
- यह आवर्त सारणी पर एक्टिनाइड शृंखला से संबंधित है।
- उल्लेखनीय समस्थानिकों में Cf-251 शामिल है, जो 898 वर्ष की अर्द्ध आयुके साथ सबसे अधिक स्थिर है, साथ ही Cf-249 और Cf-250 भी शामिल हैं, जिनकी अर्द्ध आयु इससे भी कम है।
- रेडियोधर्मिता:
- यह कुछ अस्थिर परमाणुओं (रेडियोन्यूक्लाइड) का गुण है कि वे स्वतः ही नाभिकीय विकिरण उत्सर्जित करते हैं, आमतौर पर अल्फा कण या बीटा कण, जिनके साथ प्रायः गामा किरणें भी होती हैं।
- परमाणु ऊर्जा विभाग:
- परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) की स्थापना 3 अगस्त, 1954 को राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से प्रधानमंत्री के प्रत्यक्ष प्रभार के अधीन की गई थी।
- इस आदेश के अनुसार, परमाणु ऊर्जा से संबंधित भारत सरकार के सभी व्यवसाय तथा परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1948 के अंतर्गत केंद्र सरकार के कार्यों को परमाणु ऊर्जा विभाग में ही संचालित करने का निर्देश दिया गया।
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC):
- BARC भारत की अग्रणी परमाणु अनुसंधान सुविधा है जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन संचालित होती है।
- एक बहु-विषयक अनुसंधान केंद्र के रूप में, BARC परमाणु विज्ञान, इंजीनियरिंग और संबंधित क्षेत्रों की पूरी शृंखला में उन्नत अनुसंधान एवं विकास के लिये व्यापक बुनियादी ढाँचे से सुसज्जित है।
- यह भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (NPCIL) के लिये प्राथमिक अनुसंधान सहायता के रूप में भी कार्य करता है, जो भारत के सभी परमाणु रिएक्टरों का प्रबंधन करता है।