बिठूर महोत्सव 2025 | 26 Mar 2025

चर्चा में क्यों?

21 से 23 मार्च, 2025 तक उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिठूर महोत्सव का आयोजन किया गया।

मुख्य बिंदु

  • महोत्सव के बारे में:
    • यह महोत्सव प्रतिवर्ष कानपुर के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल बिठूर में आयोजित किया जाता है। 
    • इस महोत्सव में 1857 की क्रांति की गौरवशाली झलक देखने को मिलेगी, साथ ही छवि, रंगमंच, संगीत, नाट्य और विभिन्न संस्कृतियों की मनोरम प्रस्तुतियाँ की जाती हैं।
    • इस वर्ष का महोत्सव उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की साझा संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत पर आधारित था।
  • 1857 की क्रांति में बिठूर की भूमिका
    • उत्तर प्रदेश के कानपुर ज़िले में गंगा नदी के किनारे स्थित यह नगर 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से गहराई से जुड़ा हुआ है।
    • कानपुर की घेराबंदी (5- 25 जून 1857) बिठूर किले के पास आरंभ हुई। मराठा पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब को अंग्रेज़ो द्वारा बिठूर में निर्वासित कर दिया गया था। उनका किला विद्रोह की रणनीति का मुख्यालय बना।
    • स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायक नाना साहब, रामचंद्र पांडुरंग और तात्या टोपे ने यहीं से अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध संघर्ष की शुरुआत की।
    • 19 जुलाई 1857 को ब्रिटिश जनरल हैवलॉक ने बिठूर पर कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद अंग्रेज़ों ने बिठूर किले, घाटों और अनेक मंदिरों को आग के हवाले कर दिया। इस त्रासदी में नाना साहब की 14 वर्षीय पुत्री, मैनावती, आग में जलकर शहीद हो गईं। उनकी स्मृति में कानपुर में एक सड़क का नाम 'मैनावती मार्ग' रखा गया