सुचेता कृपलानी की जयंती | 27 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
स्वतंत्रता आंदोलन और भारतीय राजनीति में अग्रणी व्यक्तित्त्व के रूप में उनके उल्लेखनीय योगदान की स्मृति में 25 जून, 2024 को सुचेता कृपलानी की जयंती मनाई जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- परिचय:
- वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिनका जन्म 25 जून, 1908 को हरियाणा के अंबाला ज़िले में हुआ था
- वह उन 15 महिलाओं में से एक थीं जिन्हें वर्ष 1946 में भारत के संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिये गठित नई भारतीय संविधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था।
- प्रमुख योगदान:
- सुचेता कृपलानी भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सबसे आगे आईं और वर्ष 1944 में उनकी भागीदारी के लिये अंग्रेज़ों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
- वह 1940 के दशक के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन के लिये महिला विंग अखिल भारतीय महिला कॉन्ग्रेस (AIMC) की संस्थापक थीं
- उन्होंने वर्ष 1946 में नोआखली में शरणार्थियों के पुनर्वास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई
- वह भारत में पहली महिला मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश, 1963) बनीं।
भारत छोड़ो आंदोलन
- 8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन को समाप्त करने का आह्वान किया और मुंबई में अखिल भारतीय काॅन्ग्रेस कमेटी के सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया।
- गांधीजी ने ग्वालिया टैंक मैदान में अपने भाषण में "करो या मरो" का आह्वान किया, जिसे अब अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है।
- स्वतंत्रता आंदोलन की 'ग्रैंड ओल्ड लेडी' के रूप में लोकप्रिय अरुणा आसफ अली को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में भारतीय ध्वज फहराने के लिये जाना जाता है।
- 'भारत छोड़ो' का नारा एक समाजवादी और ट्रेड यूनियनवादी यूसुफ मेहरली द्वारा गढ़ा गया था, जिन्होंने मुंबई के मेयर के रूप में भी काम किया था।
- मेहरअली ने "साइमन गो बैक" का नारा भी गढ़ा था।