लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

बिहार

बिहार के पहले ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर

  • 11 Jul 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में तीन ट्रांसजेंडरों ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने के लिये बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (BPSSC) की परीक्षा उत्तीर्ण की।

मुख्य बिंदु:

ट्रांसजेंडर

  • ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 के अनुसार, ट्रांसजेंडर का अर्थ है वह व्यक्ति जिसकी पहचान जन्मजात लिंग से न होकर दूसरे लिंग के रूप में हो या जिसने लिंग-परिवर्तन किया हो ।
  • इसमें अंतर-लिंगीय भिन्नता वाले ट्रांस-व्यक्ति, लिंग-विषमलैंगिक और किन्नर, हिजड़ा, अरावनी तथा जोगता जैसी सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान वाले लोग शामिल हैं।
  • भारत की वर्ष 2011 की जनगणना देश की ‘ट्रांस’ जनसंख्या की संख्या को शामिल करने वाली पहली जनगणना थी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 4.8 मिलियन भारतीय ट्रांसजेंडर के रूप में पहचाने जाते हैं।

जनगणना

  • जनगणना की शुरुआत:
  • भारत में जनगणना की शुरुआत वर्ष 1881 की औपनिवेशिक प्रक्रिया से हुई।
  • जनगणना की शुरुआत हुई और इसका उपयोग सरकार, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों तथा  अन्य लोगों द्वारा भारतीय जनसंख्या का पता लगाने, संसाधनों तक पहुँचने, सामाजिक परिवर्तन का मानचित्रण करने, परिसीमन कार्य आदि के लिये किया जाता है।
  • SECC (सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना) के रूप में पहली जाति जनगणना:
    • SECC पहली बार वर्ष 1931 में आयोजित किया गया था।
    • SECC का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी भारत के प्रत्येक परिवार से संपर्क करना तथा उनसे निम्नलिखित के बारे में पूछना है:
      • आर्थिक स्थिति, ताकि केंद्रीय और राज्य प्राधिकारियों को वंचना के विभिन्न संकेतकों, क्रमपरिवर्तनों तथा संयोजनों के साथ आने की अनुमति मिल सके, जिनका उपयोग प्रत्येक प्राधिकारी द्वारा गरीब या वंचित व्यक्ति को परिभाषित करने के लिये किया जा सके।
      • इसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति से उसकी विशिष्ट जाति का नाम पूछना भी है, ताकि सरकार यह पुनर्मूल्यांकन कर सके कि कौन-से जाति समूह आर्थिक रूप से बदतर स्थिति में हैं और कौन-से बेहतर स्थिति में हैं।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2