बिहार सरकार ने मध्याह्न भोजन मेनू में किया बदलाव | 31 Jan 2025

चर्चा में क्यों?

बिहार सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन (पीएम पोषण शक्ति निर्माण या पीएम पोषण) मेनू में महत्त्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य छात्रों को दिये जाने वाले भोजन के पोषण मूल्य और विविधता को बढ़ाना है। 

मुख्य बिंदु

  • भोजन में बदलाव इस उद्देश्य से किया गया है कि बच्चों को संतुलित और पोषणयुक्त आहार प्राप्त हो, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार और अध्ययन के परिणामों में वृद्धि हो सके।
  • इस अद्यतन मेनू में सोयाबीन और दाल जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ-साथ विभिन्न मौसमी सब्जियों को शामिल करने पर ज़ोर दिया गया है, ताकि छात्रों के लिये संतुलित आहार सुनिश्चित किया जा सके। 
  • मध्याह्न भोजन योजना स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिये सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिससे छात्रों की उपस्थिति दर में वृद्धि होगी और उनके समग्र विकास को समर्थन मिलेगा। 
  • ये परिवर्तन बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किये जाएँगे, जो बच्चों के लिये अधिक स्वस्थ और अनुकूल शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिये राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मध्याह्न भोजन योजना (MDMS)

  • परिचय: 
  • मिड डे मिल स्कीम अर्थात् मध्याह्न भोजन योजना विश्व में अपनी तरह का सबसे बड़ा स्कूल पोषण कार्यक्रम है, जो कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में नामांकित छात्रों को कवर करता है।
  • इस योजना का मूल उद्देश्य स्कूलों में नामांकन बढ़ाना है।
  • नोडल मंत्रालय: शिक्षा मंत्रालय
  • पृष्ठभूमि: यह कार्यक्रम पहली बार 1925 में मद्रास नगर निगम में वंचित बच्चों के लिये शुरू किया गया था।
  • केंद्र सरकार ने 1995 में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिये पायलट आधार पर एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की थी और अक्तूबर 2007 तक MDMS को कक्षा 8 तक बढ़ा दिया गया था।