बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री का निधन | 14 May 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वरिष्ठ राजनेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का 72 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे।
मुख्य बिंदु:
- वह वर्ष 2005 से 2013 और वर्ष 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ बिहार के वित्त मंत्री भी रहे।
- वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन सदस्य रहे
- उन्हें जुलाई वर्ष 2011 में वस्तु एवं सेवा कर के कार्यान्वयन के लिये राज्य के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
उपमुख्यमंत्री
- भारत में उपमुख्यमंत्री का पद कोई संवैधानिक पद नहीं है, बल्कि किसी पार्टी के भीतर सहयोगियों या गुटों को खुश करने के लिये एक राजनीतिक व्यवस्था है।
- वह रैंक और भत्तों के मामले में एक कैबिनेट मंत्री के समतुल्य होता है लेकिन उसके पास कोई विशिष्ट वित्तीय या प्रशासनिक शक्तियाँ नहीं होती हैं।
- उपमुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करना होता है और अपने पोर्टफोलियो से संबंधित किसी भी निर्णय के लिये उसकी स्वीकृति लेनी होती है।
- उपमुख्यमंत्री के पास उन फाइलों या मामलों तक पहुँच नहीं है जो मुख्यमंत्री के लिये हैं।
- न तो अनुच्छेद 163 और न ही अनुच्छेद 164(1) में स्पष्ट रूप से उप मुख्यमंत्री की स्थिति का उल्लेख है।
- अनुच्छेद 163(1) राज्यपाल की सहायता और सलाह देने के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद की स्थापना का प्रावधान करता है।
- अनुच्छेद 164(1) नियुक्ति प्रक्रिया की रूपरेखा प्रदान करता है, जिसमें मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाती है।