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मध्य प्रदेश

भोजशाला परिसर में खंडित मूर्तियाँ मिली

  • 04 Jul 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के धार ज़िले में भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद परिसर की स्थापना के लिये भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) द्वारा किये गए सर्वेक्षण के दौरान 39 खंडित मूर्तियों सहित 1,710 अवशेष पाए गए।

मुख्य बिंदु:

  • हिंदू पक्ष ASI द्वारा संरक्षित 11वीं शताब्दी के स्मारक भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं।
  • 7 अप्रैल, 2003 को ASI द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं, जबकि मुसलमान शुक्रवार को इसी परिसर में नमाज अदा करते हैं।
  • उच्च न्यायालय ने 11 मार्च, 2024 को ASI को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला-कमल मौला मस्जिद परिसर का "वैज्ञानिक सर्वेक्षण" करने का आदेश दिया था।
  • वहाँ जो मूर्तियाँ प्राप्त हुईं उनमें वाग्देवी (सरस्वती), महिषासुर मर्दिनी, गणेश, कृष्ण, महादेव, ब्रह्मा और हनुमान की मूर्तियाँ शामिल हैं।

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI)

  • संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत ASI, देश की सांस्कृतिक विरासत के पुरातात्त्विक अनुसंधान और संरक्षण के लिये प्रमुख संगठन है।
  • यह राष्ट्रीय महत्त्व के 3650 से अधिक प्राचीन स्मारकों, पुरातात्त्विक स्थलों और अवशेषों का प्रबंधन करता है।
  • इसकी गतिविधियों में पुरातात्त्विक अवशेषों का सर्वेक्षण, पुरातात्त्विक स्थलों की खोज और उत्खनन, संरक्षित स्मारकों का संरक्षण एवं रखरखाव आदि शामिल हैं।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1861 में ASI के पहले महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। अलेक्जेंडर कनिंघम को “भारतीय पुरातत्त्व के जनक” के रूप में भी जाना जाता है

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