बैगा आदिवासी कलाकार जोधईया बाई का निधन | 17 Dec 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रसिद्ध बैगा आदिवासी कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जोधइया बाई का लंबी बीमारी के बाद मध्य प्रदेश के उमरिया ज़िले में निधन हो गया।

मुख्य बिंदु

  • बैगा जनजातीय कला में योगदान:
  • जोधइया बाई ने बैगा जनजातीय कला को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • कला के क्षेत्र में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये उन्हें वर्ष 2023 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • मुख्यमंत्री की ओर से संवेदना:
  • मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश और देश ने एक ऐसी कलाकार खो दी है, जिसने अपना जीवन आदिवासी संस्कृति, कला और परंपराओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिये समर्पित कर दिया।

बैगा जनजाति

  • बैगा (जिसका अर्थ है जादूगर) विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) में से एक है।
  • वे मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में रहते हैं।
  • परंपरागत रूप से बैगा अर्द्ध-खानाबदोश जीवन व्यती करते थे और कटाई-जलाकर खेती करते थे। अब वे अपनी आजीविका के लिये मुख्य रूप से लघु वनोपज पर निर्भर हैं।
  • बाँस प्राथमिक संसाधन है।
  • टैटू बनवाना बैगा संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, प्रत्येक आयु और शरीर के हिस्से के लिये एक विशेष टैटू निर्धारित होता है।