बिहार
बिहार में 'आयुष्मान भारत' कार्ड जारी
- 11 Mar 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज प्रदान करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु:
- केवल छह दिनों में (8 मार्च सुबह 11 बजे तक) 1.03 करोड़ परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड जारी किये गए।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत आने वाले सभी राशन कार्ड धारकों को 5 किलो चावल मिलता है और वे प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करा सकते हैं।
- राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा संकलित आँकड़ों के अनुसार, छह दिवसीय अभियान में सबसे अधिक 5,99,609 आयुष्मान भारत कार्ड सीवान ज़िले में जारी किये गए, इसके बाद मुज़फ्फरपुर में 5,44,018, पटना में 5,00,292 और मधुबनी में 4,72,977 कार्ड जारी किये गए।
- जिन ज़िलों में विशेष अभियान में एक लाख से कम आयुष्मान भारत कार्ड जारी किये गए, वे हैं- मुंगेर (99,984), किशनगंज (76,861), शेखपुरा (58,132) और शिवहर (47,288)।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)
- PM-JAY पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- इसे वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया, यह माध्यमिक देखभाल और तृतीयक देखभाल के लिये प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्ज़री, चिकित्सा और डे केयर उपचार, दवाओं व निदान की लागत शामिल है।
- लाभार्थी:
- यह एक पात्रता आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को शेष (अप्रामाणित) SECC परिवारों की पहचान करने के लिये समान सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल वाले गैर-सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) लाभार्थी परिवार डेटाबेस का उपयोग करने हेतु लचीलापन प्रदान किया है।
- वित्तीयन:
- इस योजना का वित्तपोषण संयुक्त रूप से किया जाता है, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र एवं विधायिका के बीच 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल व उत्तराखंड के लिये 90:10 और विधायिका के बिना केंद्रशासित प्रदेशों हेतु 100% केंद्रीय वित्तपोषण।
- केंद्रक अभिकर:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority- NHA) को राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप से PMJAY के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक स्वायत्त इकाई के रूप में गठित किया गया है।
- राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) राज्य में ABPMJAY के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार राज्य सरकार का शीर्ष निकाय है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013
- इसे 10 सितंबर, 2013 को अधिसूचित किया गया था।
- इसका उद्देश्य एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिये लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हें खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रदान करना है।
- इसमें लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने के लिये 75% ग्रामीण आबादी और 50% शहरी आबादी को शामिल किया गया है।
- लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने के लिये ग्रामीण आबादी का 75 प्रतिशत और शहरी आबादी का 50 प्रतिशत।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) समग्र तौर पर देश की कुल आबादी के 67 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है।
- पात्रता:
- राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत आने वाले प्राथमिकता वाले घर।
- अंत्योदय अन्न योजना के तहत कवर किये गए घर।
- प्रावधान:
- प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न, जिसमें चावल 3 रुपए किलो, गेंहूँ 2 रुपए किलो और मोटा अनाज 1 रुपए किलो।
- हालाँकि अंत्योदय अन्न योजना के तहत मौजूदा प्रतिमाह प्रति परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रदान करना जारी रहेगा।
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्भावस्था के दौरान तथा बच्चे के जन्म के 6 माह बाद भोजन के अलावा कम-से-कम 6000 रुपए का मातृत्व लाभ प्रदान किये जाने का प्रावधान है।
- 14 वर्ष तक के बच्चों के लिये भोजन।
- खाद्यान्न या भोजन की आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा भत्ता।
- ज़िला और राज्य स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना।