राँची फार्म में एवियन फ्लू का प्रकोप | 12 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, राँची में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के एक पोल्ट्री फार्म में एवियन फ्लू का मामला पाए जाने के बाद अधिकारियों ने कुल 325 पक्षियों को मार डाला। उन्होंने पूरे प्रभावित क्षेत्र को भी सैनिटाइज किया।
मुख्य बिंदु
- रोकथाम के उपाय:
- अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह एक स्थानीय घटना है, जो गिनी फाउल्स को प्रभावित कर रही है, जिन्हें फार्म में अनुसंधान के उद्देश्य से रखा गया था।
- अधिकारी प्रकोप के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों का मानचित्रण करेंगे और उन्हें अधिसूचित करेंगे।
- 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित स्थान निगरानी में रहेंगे।
- H5N1 का पता लगाना:
- पशु चिकित्सा महाविद्यालय स्थित फार्म में पिछले 20 दिनों में लगभग 150 गिनी मुर्गियाँ मर गईं।
- ICAR -राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD), भोपाल ने नमूनों में H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की।
- केंद्र सरकार के निर्देश:
- केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने राज्य को रोकथाम उपायों को लागू करने के निर्देश दिये, जिनमें शामिल हैं:
- संक्रमित और निगरानी क्षेत्रों की घोषणा
- प्रभावित परिसर तक पहुँच प्रतिबंधित करना
- आगे प्रसार को रोकने के लिये पक्षियों को मारना
- केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने राज्य को रोकथाम उपायों को लागू करने के निर्देश दिये, जिनमें शामिल हैं:
- राज्य सरकार का जवाब:
- राज्य पशुपालन विभाग ने एक सलाह और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की:
- प्रभावित क्षेत्र में पक्षियों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाना।
- एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है, जो शीघ्र ही चालू हो जाएगा।
- राज्य पशुपालन विभाग ने एक सलाह और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की:
एवियन इन्फ्लूएंजा
- एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे अक्सर बर्ड फ्लू के रूप में जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से पक्षियों और घरेलू मुर्गियों को प्रभावित करता है।
- वर्ष 1996 में, दक्षिणी चीन में घरेलू जलपक्षियों में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 वायरस की पहली बार पहचान की गई थी। इस वायरस का नाम A/goose/Guangdong/1/1996 रखा गया है।
मनुष्यों में संक्रमण और संबंधित लक्षण:
- H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा के मानव मामले कभी-कभी होते हैं। संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाना मुश्किल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जब लोग संक्रमित होते हैं, तो मृत्यु दर लगभग 60% होती है।
- इसमें बुखार, खाँसी और मांसपेशियों में दर्द जैसे हल्के फ्लू जैसे लक्षणों से लेकर निमोनिया जैसी गंभीर श्वसन समस्याएँ, साँस लेने में कठिनाई और यहाँ तक कि मानसिक स्थिति में बदलाव और दौरे जैसी संज्ञानात्मक समस्याएँ भी हो सकती हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
- इसकी स्थापना 16 जुलाई 1929 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में की गई थी।
- यह भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।