अरावली जंगल सफारी | 24 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री ने लोगों से विश्व वन्यजीव दिवस पर लुप्तप्राय वन्यजीवों की रक्षा करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। विश्व वन्यजीव दिवस पर सफारी शुरू करने के लिये जंगल सफारी और अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के प्रयास चल रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- सफ़ारी परियोजना का क्रियान्वयन:
- प्रारंभ में सफारी परियोजना के लिये पर्यटन विभाग ज़िम्मेदार था, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अब इसका क्रियान्वयन वन एवं वन्यजीव विभाग को सौंप दिया है।
- विभाग इस परियोजना पर तेज़ी से प्रगति कर रहा है।
- परियोजना नियोजन के लिये अध्ययन दौरे:
- मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करने के लिये नागपुर (महाराष्ट्र) में गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी और जामनगर (गुजरात) में वंतारा परियोजना का दौरा किया।
- अरावली ग्रीन वॉल परियोजना:
- इस परियोजना का उद्देश्य हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में 1.15 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि को पुनर्स्थापित करना है, जिससे बहु-राज्यीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:
- देशी वृक्ष प्रजातियों के साथ वनरोपण
- जैवविविधता संरक्षण
- मृदा स्वास्थ्य बहाली
- भूजल पुनर्भरण में वृद्धि
विश्व वन्यजीव दिवस
- यह दिवस 2013 से हर वर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है।
- यह तिथि वन्य जीव और वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के दिन से मेल खाती है, जिस पर वर्ष 1973 में हस्ताक्षर किये गए थे।
- UNGA (महासभा) के प्रस्ताव ने सीआईटीईएस सचिवालय को यूएन (संयुक्त राष्ट्र) कैलेंडर पर वन्यजीवों के लिये इस विशेष दिन के वैश्विक पालन के लिये सुविधाकर्ता के रूप में भी नामित किया।
महत्त्व:
- यह संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 1, 12, 14 और 15 के अनुरूप है, तथा गरीबी उन्मूलन, संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करने, तथा जैवविविधता की हानि को रोकने के लिये भूमि और जल के नीचे जीवन के संरक्षण पर उनकी व्यापक प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।
- हमारा ग्रह इस समय जैवविविधता की हानि की चुनौती का सामना कर रहा है और यदि असंतुलित मानवीय गतिविधियों, जलवायु परिवर्तन और आवास क्षरण पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले दशकों में दस लाख से अधिक प्रजातियाँ लुप्त हो सकती हैं।