उत्तराखंड पर्यटन नीति में संशोधन | 24 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने राज्य की पर्यटन नीति- 2018 में संशोधन को मंज़ूरी दी, जिसमें विभिन्न उद्योगों को राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST) मुआवज़ा मिलने की अवधि निर्दिष्ट की गई।
मुख्य बिंदु:
- संशोधन के अनुसार, उत्तराखंड में A, B और B+ श्रेणी के उद्योगों को पाँच वर्ष के लिये 100% SGST मुआवज़ा मिलेगा, जिसके बाद उन्हें अगले पाँच वर्षों के लिये क्रमशः 90, 75 तथा 75% की दर से यह मिलेगा।
- लार्ज, मेगा और अल्ट्रा-मेगा परियोजनाओं को 10 वर्षों के लिये क्रमशः 30 तथा 50% का SGST मुआवज़ा मिलेगा।
- उत्तराखंड पर्यटन नीति- 2018 का उद्देश्य इस क्षेत्र में निवेशकों के लिये एकल-खिड़की निकासी प्रणाली स्थापित करना था।
- हालाँकि राज्य में विभिन्न उद्योगों को SGST मुआवज़ा प्रदान करने की अवधि निर्दिष्ट नहीं की गई थी।
- राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया:
- विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा अवधि को 65 वर्ष की आयु तक बढ़ाया जाए।
- शहरी परिवहन व्यवस्था के विकास, संचालन और निर्वहन के लिये राज्य विधानसभा में एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक, 2024 पेश किया जाए
- सहकारी समिति के नियमों में संशोधन कर इसकी प्रबंधन समितियों में 33% पद महिलाओं के लिये आरक्षित किया जाए।
- महासू देवता मंदिर के आस-पास रहने वाले परिवारों को पुनर्स्थापित करें।
महासू देवता मंदिर
- यह उत्तराखंड के देहरादून ज़िले के हनोल में त्यूनी-मोरी मार्ग पर स्थित है और 9वीं शताब्दी में बनाया गया था।
- यह मंदिर महासू देवता को समर्पित है। इसका निर्माण काठ-कुनी या कोटि-बनाल वास्तुकला शैली में किया गया था।
- यह भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की उत्तराखंड के देहरादून सर्कल के प्राचीन मंदिरों की सूची में शामिल है।