झारखंड
सौर ऊर्जा से संचालित होंगे राज्य के पाँच हवाई अड्डे
- 27 Aug 2021
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चर्चा में क्यों?
26 अगस्त, 2021 को झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (जेआरईडीए) के निदेशक के.के. वर्मा ने बताया कि राँची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डा और राज्य के चार अन्य आगामी हवाई अड्डे सरकार की हरित पहल के तहत सौर ऊर्जा से संचालित होंगे।
प्रमुख बिंदु
- हरित पहल के तहत राँची के अलावा, दुमका, देवघर, बोकारो और गिरिडीह के हवाई अड्डों को कवर किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिये 20 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं और इसे छह महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
- के.के. वर्मा ने कहा कि सौर पैनलों से लैस पाँच हवाई अड्डों में से प्रत्येक परियोजना पूरी होने के बाद हर दिन 600 किलोवाट बिजली का उत्पादन करेगी। यह पहल न केवल हवाई अड्डों को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि सौर ऊर्जा के साथ कुछ आवासीय क्षेत्रों को भी रोशन करेगी।
- बिरसा मुंडा हवाई अड्डा वर्तमान में झारखंड में एकमात्र पूर्ण-संचालित हवाई अड्डा है, शेष चार हवाई अड्डों में से कुछ का एक वर्ष के भीतर परिचालन शुरू होने की संभावना है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राँची हवाई अड्डे की विस्तार योजना को मंज़ूरी दे दी है और 300 एकड़ से अधिक क्षेत्र में हवाई अड्डे के विस्तार के लिये एएआई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
- उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में पुदुचेरी हवाई अड्डा 2020 में भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के तहत पूरी तरह से सौर ऊर्जा संचालित देश का पहला हवाई अड्डा बना था। इसके अलावा, यह दावा किया जाता है कि कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (केरल), सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में चलने वाला दुनिया का पहला सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा है।