उत्तराखंड का एबॉट माउंटेन | 08 May 2024
चर्चा में क्यों?
एबॉट माउंटेन उत्तराखंड की खूबसूरत हिमालय शृंखला में चंपावत ज़िले के लोहाघाट शहर में है।
मुख्य बिंदु:
- एबॉट माउंटेन ऐतिहासिक महत्त्व रखता है, जिसका नाम ब्रिटिश सर्जन डॉ. जेम्स एबॉट के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान कुमाऊँ के आयुक्त के रूप में कार्य किया था। इस भव्य शिखर के माध्यम से क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को याद किया जाता है।
- अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा एबॉट माउंटेन साहसिक प्रेमियों के लिये स्वर्ग के रूप में भी कार्य करता है।
- यह क्षेत्र विविध प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का निवास स्थल है, जिनमें दुर्लभ हिमालयी प्रजातियाँ जैसे कस्तूरी मृग, हिमालयी काले भालू और विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियाँ शामिल हैं।
भारतीय हिमालय क्षेत्र
- IHR में भारत के दस राज्यों और चार पहाड़ी ज़िलों जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और असम में दिमा हसाओ, कार्बी आंगलोंग तथा पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग, कलिम्पोंग के पहाड़ी ज़िले शामिल हैं।
- अनियंत्रित मांग-संचालित आर्थिक विकास ने अव्यवस्थित शहरीकरण, पर्यावरणीय क्षरण और बढ़ते जोखिमों तथा कमज़ोरियों को उत्पन्न किया, जिससे हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के अद्वितीय मूल्यों से गंभीर समझौता हुआ है।
- आर्थिक विकास पर ध्यान देने के अलावा भारतीय हिमालय के सतत् विकास के रोडमैप को प्रासंगिक सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के साथ समन्वित करने की आवश्यकता है।
- इसलिये हिमालय में विकास पूरी तरह से क्षेत्र के पर्यावरणीय, सामाजिक-सांस्कृतिक और पवित्र सिद्धांतों में अंतर्निहित होना चाहिये।